मनुज मेहता

नाम - मनुज मेहता
उम्र- २८ साल
व्यवसाय- डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण
इन्होंने 'वेश्यावृत्ति', 'एड्स', 'अवयस्क शोषण', 'ड्रग्स', ' स्ट्रीट चिल्ड्रेन' 'वन्य जीवन' आदि विषयों पर डाक्यूमेंट्री बना चुके हैं।

उपलब्धि- इनकी एक डाक्यूमेंट्री फिल्म 'वार्निंग सिग्नल्स' अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में चयनित हुई और लंदन में प्रदर्शित हुई।

शैक्षणिक योग्यता- इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता (डाक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण में विशेषज्ञता) में परास्नातक

अभिरुचियाँ- पढ़ना, लिखना (ग़ज़लें, कविताएँ) स्टील फ़ोटोग्राफ़ी

पता- हरि नगर, दिल्ली

कुमुद अधिकारी

नामः कुमुद अधिकारी
जन्मः 17 मई 1966
जन्मस्थानः पञ्चकन्या-4, इलाम, नेपाल
शिक्षाः बी.एस्सी., बी.एड़.
प्रकाशनः 1) जिन्दगी एक फोटो-फ्रेम ( आठ हिन्दी कथाकारों की सोलह
कहानियों का नेपाली अनुवाद)
2) पासपोर्टका रङहरू ( तेजेन्द्र शर्मा की कहानियों का नेपाली अनुवाद)
3) गांव में (परशु प्रधान की कहानियों का हिन्दी अनुवाद)(प्रेस में)
4) एक मौलिक कहानियों का संग्रह (नेपाली में) शीघ्र प्रकाश्य।
5) गरिमा, साहित्यिक कोसेढुङ्गा, मातृभूमि, पल्लव, समष्टि, शब्द
संयोजन, मिर्मिरे, रचना, सारांश आदि राष्ट्रीय साहित्यिक
पत्रिकाओं में नेपाली में रचनाएं प्रकाशित, कुछ स्मारिकाओं में
लेखरचनाएं प्रकाशित।
4) कथाबिम्ब, साहित्यअमृत जैसी हिन्दी पत्रिकाओं में और जाल
पत्रिकाएं अभिव्यक्ति, साहित्यकुंज, हिन्द-युग्म, काव्यालय में हिन्दी
में अनूदित और मौलिक रचनाएँ, प्रकाशित।
सम्पादनः 1) प्रधान सम्पादक, ‘साहित्यसरिता’ (www.sahityasarita.org)
2) प्रधान सम्पादक, हिन्दी साहित्य सरिता (www.hindi.sahityasarita.org)
3) प्रबन्ध सम्पादक, ‘पेनहिमालय’ (www.penhimalaya.netfirms.com)
4) अनुवाद संयोजक, ‘साहित्यिक कोसेढुङ्गा’ त्रैमासिक
आबद्धताः 1) संस्थापक सदस्य, ‘साहित्यसञ्चार समूह’, इटहरी
2) संस्थापक प्रमुख, ‘कृति संग्रहालय’, इटहरी
3) सदस्य, वाणी प्रकाशन, विराटनगर
जालघरः www.kumud.netfirms.com
ई-मेलः kumud2023@ntc.net.np, kumudadhikari@gmail.com.
पताः द्वारा सोनी पुस्तक पसल, इटहरी, सुनसरी, नेपाल।
टेलिफोनः 00977-25-584646, 00977-9842061482(cell)

कवि कुलवंत सिंह


जन्म तिथि : 11/01/1967
जन्म स्थान : रूड़की, उत्तरांचल
प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा : करनैलगंज, गोण्डा (उ. प्र.)
उच्च शिक्षा : अभियांत्रिकी, आई आई टी रुड़की (रजत पदक एवं 3 अन्य पदक)
पुस्तकें प्रकाशित :
1. निकुंज (काव्य संग्रह)
2. परमाणु एवं विकास (अनुवाद)
3. विज्ञान प्रश्न मंच
पुस्तक (प्रकाशनाधीन) : कण - क्षेपण
रचनाएं प्रकाशित :
साहित्यिक पत्रिकाओं, परमाणु ऊर्जा विभाग, राजबाषा विभाग, केंद्र सरकार की
विभिन्न गृह पत्रिकाओं, वैज्ञानिक, आविष्कार, अंतरजाल पत्रिकाओं में अनेक
साहित्यिक एवं वैज्ञानिक रचनाएं प्रकाशित
पुरुस्कृत : काव्य, लेख, विज्ञान लेखों, विभागीय हिंदी सेवाओं के लिए विभिन्न संस्थाओं
द्वारा पुरुस्कृत
सेवाएं :
हिंदी विज्ञान साहित्य परिषद से 15 वर्षों से संबंधित
व्यवस्थापक , वैज्ञानिक त्रैमासिक पत्रिका
विज्ञान प्रश्न मंचों का परमाणु ऊर्जा विभाग एवं अन्य संस्थानों के लिए अखिल
भारत स्तर पर आयोजन
क्विज मास्टर
कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ
मानव सेवा धर्म : डायबिटीज, जोड़ों का दर्द इत्यादि का मुफ्त एवं स्थाई इलाज
संप्रति : वैज्ञानिक अधिकारी, पदार्थ संसाधन प्रभाग, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र
मुंबई - 400085
निवास : 2 डी, बद्रीनाथ, अणुशक्ति नगर, मुंबई 400094
फोन : 022-25595378 (O) / 09819173477 (R)
ई मेल : kavi.kulwant@gmail.com
अन्य कविताएं :
http://kavikulwant.blogspot.com/ www.PoetryPoem.com/kavkulwant



हिन्द-युग्म पर इनका वार- बुधवार

अभिषेक पाटनी


मेरे अन्दर सीलन ....थी भी?
मुझे याद नहीं
जब से देखा है...खुद को
ऐसा ही पाया है
चेहरा नम होता है
और आंखें खाली... बदन गीला रहता है
और जेहन खाली न जाने कब..
किस हादसे में...?
क्या बह गया है....
कमबख्त....आंखों से लहू के सिवा
कुछ उतरता ही नहीं !

शिक्षा- 'पत्रकारिता व जन्सम्प्रेषण' में स्नात्कोत्तर (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी)
हिन्दी-साहित्य में स्नात्कोत्तर (पटना विश्वविद्यालय, पटना)

उपलब्धियाँ- राँची स्थित स्पेनिन संस्था द्बारा 'स्पेनिन सृजन सम्मान २००७' से सम्मानित
तमाम हिन्दी साहित्यिक पत्रिकाओं में कविताएँ, कहानियाँ व निबंध प्रकाशित

रुचियाँ- रचनात्मक लेखन और गीत-संगीत सुनना।

पत्राचार पता- बी-47, बायाँ भूतल, दयानंद कॉलोनी, लाजपत नगर-4, नई दिल्ली-110024

ईमेल- patni12@gmail.com, मोबाइल-9999156678

हिन्द-युग्म पर इनका वार - सोमवार

सुषमा गर्ग


नाम- सुषमा गर्ग
शिक्षा- एम.ए, बी.एड, आई. बी. डी॰ (बॉम्बे)
जन्म तिथि- 4.11.1953 नगीना(बिजनौर) उ॰प्र॰
रुचि- साहित्य पठन, लेखन
साहित्यिक गतिविधिया- इन्होंने खूब लिखा है किंतु प्रकाशित न करवाने का कारण अपना संकोची स्वभाव मानती हैं।
संप्रति- अमींनगरसराय के कॉलेज (बागपत जिला) में अध्यापन।
ईमेल:- sushmaguptagarg@gmail.com

प्रो॰ राजीव शर्मा

राजीव जी का जन्म ग्राम लोनारा ज़िला खरगोन (मध्य प्रदेश) में हुआ। पिताजी शिक्षक थे तो शिक्षक पुत्र होने के नाते पारिवारिक वा सांस्कृतिक मूल्य इन्हें घुट्टी में मिले। लोनारा से विद्यालयीन शिक्षा के पश्चात कर्मभूमि इंदौर में इनका आगमन हुआ। यहाँ से ग्रेजुएशन किया तथा वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में अपना परचम फाहरते रहे। इसके बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से राजनीतिक विज्ञान में एम. ए. किया। इसी अवधि में लेखन-कार्य की शुरुआत भी हुई। वापस इंदौर आए तथा क्रिश्चियन कॉलेज से हिंदी में एम. ए. करते हुए छात्र-संघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। अब अंदर का कवि बाहर आने लगा था, कलम अपने उत्कर्ष पर थी और मधुर आवाज़ तथा वक्त्रत्व कला के धनी राजीव जी लखनऊ दूरदर्शन के लिए कार्य करने लगे। आकाशवाणी के युववाणी कार्यक्रम के लिए पाँच सालों तक उद्‌घोषक की भूमिका भी निभाई तथा दैनिक भास्कर और स्वतंत्र भारत जैसे अख़बारों में बतौर पत्रकार कार्य भी करते रहे। तभी इस्लामिया-करीमिया विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफ़ेसर हो गये व अभी हिंदी विभाग के प्रमुख हैं। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी इनके प्रभाव से अछूता नहीं रहा। ये वर्तमान में एस. आर. न्यूज़ चैनल में प्रमुख संपादक का पद संभाल रहे हैं।

प्रो. राजीव शर्मा राजकुमार ,हेमामालिनी अभिनीत हिंदी फ़ीचर फ़िल्म "नयी महाभारत" के गीतकार और कहानीकार हैं तथा दूरदर्शन के "सहज़ स्वास्थ्य योग" नामक धारावाहिक की डेढ़ सौ कड़ियों के लेखक, शोधकर्ता और गीतकार भी हैं ख़ैरागढ़ यूनिवर्सिटी से संगीत में स्नातक राजीव जी "संगम कला ग्रुप" के माध्यम से समाज सेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की सीनेट सभा के पाँच वर्षों तक सदस्य रहे हैं। राजीव जी का एक कविता संग्रह "सीता और सलमा" तथा एक लेख संग्रह "छपे हुए शब्द" प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त यह उद्यमिता विकास तथा पर्यावरण पाठ्य पुस्तक के लेखक भी हैं।

अद्‌भुत काव्य-प्रतिभा के धनी राजीव जी को सुमन जी, महादेवी वर्मा जी, नरेश मेहता जी सहित सारे समकालीन साहित्यकारों ने सम्मानित व पुरस्कृत किया तथा भूतपूर्व राष्ट्रपति श्री शंकरदयाल शर्मा जी तथा ज्ञानी जैल सिंह जी भी इनकी कला से अभिभूत हुए बिना नहीं रह सके।

आज कवियों की जमात में ऐसा कोई बड़ा नाम नहीं जिसने प्रो. राजीव शर्मा के संचालन में मंच पर काव्य-पाठ न किया हो। पाँच सौ से अधिक कवि-सम्मेलनों का संचालन कर चुके राजीव जी विशुद्ध हास्य-व्यंग्यकार हैं। हँसी-हँसी ऐसी बात कह जाते हैं कि रो देना पड़ता है।

संपर्क-सूत्र-
2/4 ओल्ड पालासिया
आर. के. पुरम ,
1, सतपुड़ा अपार्टमेंट
होटल अमलतास के पीछे
इंदौर

आवाज़ पर इन्हीं की आवाज़ में इनकी व्यंग्य रचनाएँ सुनी जा सकेंगी

डॉ. एस. एस. धुर्वे ( डॉ. नंदन)



नाम: डॉ. एस. एस. धुर्वे ( साहित्य जगत में वे डॉ. नंदन के नाम से जाने जाते हैं)
जन्म: 5 अक्टूबर 1969, बिलासपुर (छतीसगढ)
शिक्षा: एम.ए (हिन्दी), बी.एड, एल.एल.बी, पी.एच.डी (कवि नागार्जुन की कविताओं का वैचारिक परिप्रेक्ष्य: एक अनुशीलन)
काव्य लेखन की प्रेरणा: गुरुदेव श्री बी. एल. साहू एवं धर्मपत्नि श्रीमति अन्नपूर्णा
प्रकाशित रचनायें: कथादेश, सर्वनाम, आकंठ, सूत्र, असुविधा जैसी पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित। समाचार पत्रों में कविताओं व आलेखों का नियमित प्रकाशन।
संप्रति: स्नातकोत्तर अध्यापक (हिन्दी), केन्द्रीय विद्यालय बचेली।

मोबाइल नं:- 09424170619
ईमेल पता:- ssdhurwe@gmail.com


सुनीता यादव


नाम- श्रीमती सुनीता यादव
पति- श्री प्रेम यादव
जन्मतिथि- १२-११-१९७१
स्थल- ब्रह्मपुर, उड़ीसा
शिक्षा- बी. ए. (आनर्स) (हिन्दी),खालिकोट कॉलेज ,ब्रह्मपुर
एम.ए(हिन्दी),एम.फिल(हिंदी) (हैदराबाद विश्वविद्यालय)
अनुवाद डिप्लोमा(दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा,खैराताबाद,हैदराबाद),
बी.एड॰ (भारतीय शिक्षा परिषद्,लखनऊ)
रुचि- लेखन ( कविता, संस्मरण, नाटक, बाल-साहित्य-सृजन), पुस्तकें पढ़ना, गायन, तैराकी, मुसाफिरी व चित्रकला, हिन्दी व उड़िया के प्रति प्रेम के अलावा तेलुगु, बंगला, असमिया, मराठी व अंग्रेजी भाषाओं के प्रति लगाव

कार्य- १९९५ से १९९७ तक असाम में सांगी ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज ( हैदराबाद) के पेपर विभाग जोगिगोपा में वेलफेयर ऑफिसर,
सन २००० से स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ऑफिसर्स असोसिअशन पब्लिक स्कूल ,औरंगाबाद,महाराष्ट्र में शिक्षिका के रूप में
कार्यरत,
२००६ से (२०११ तक) महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे-औरंगाबाद विभाग के विभागीय मनोनीत सदस्य

सम्मान:
महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा ,पुणे द्वारा आदर्श शिक्षक पुरस्कार (२००४)
जॉर्ज फेर्नादिश पुरस्कार(२००६)
राज्यस्तरीय भाषा भूषण पुरस्कार (२००८)

अन्य:
महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा पुणे-औरंगाबाद विभाग द्वारा आयोजित बीड़ जिला चुनिन्दा हिन्दी अध्यापक कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शक के रूप में चयनित, केंद्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा आयोजित हिन्दी नव लेखक शिविरों में कविता पाठ, आकाशवाणी औरंगाबाद से भी कविताओं का प्रसारण, अंतर्राज्यीय (महाराष्ट्र तथा गुजरात) हिन्दी भाषण प्रतियोगिता में परीक्षक के रूप में चयनित (2006), परिचर्चायों में भागीदारी, गायन में अनेक पुरस्कारों से पुरस्कृत, २००५ में कत्थक नृत्यांगना कु.पार्वती दत्ता द्वारा आयोजित विश्व नृत्य दिवस कार्यक्रम का संचालन।

सम्पर्क-
ईमेल- sunitay4u@gmail.com
ब्लॉग- http://sunitayadav.blogspot.com/


विशेषः
सुनीता यादव का रेडियो काव्य पाठ तथा साक्षात्कार
हिन्द-युग्म द्वारा प्रकाशित यूनिकवियों की प्रतिनिधि कविताओं के बहुचर्चित कविता-संग्रह 'सम्भावना डॉट कॉम' में कविताएँ संकलित।
हिन्द-युग्म के पहले संगीतबद्ध एल्बम 'पहला सुर' में एक गीत संकलित।
रेडियोसबरंग में वरिष्ठ कथाकार सूरज कहानियों की कथापाठ की रिकॉर्डिंग सम्मिलित।



बाल-उद्यान की सांस्कृतिक गतिविधि प्रमुख

विमल चंद्र पाण्डेय



जब आंखें खोलीं तो खुद को ऐसी किताबों के बीच पाया जिन्हें पढ़ने की सख्त मनाही थी। मेरी बुआ और मेरी मां उन उपन्यासों की प्रखर पाठिका थीं जिन्हें पढ़ते वे आपस में उन पात्रों पर चर्चा करतीं और उनके दुख से दुखी और उनकी खुशी में उल्लासित होती थीं। प्रतिबंध ने उत्सुकता को बढ़ाया और मैंने उन उपन्यासों को छिप-छिप कर पढ़ना शुरू किया तो एक नई दुनिया के द्वार मेरे लिए खुलने लगे। एक किताब में इतने भाव? यह मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। छिप कर पढ़ने की वजह से पाठन में एक गति आई जो आज भी एक अच्छी आदत की तरह साथ है। 1996 में जब हाई स्कूल में 75 प्रतिशत अंक आए तो पिता के भीतर मुझे इंजिनियर या उसी टाइप की कोई चीज बनाने की इच्छा जोर मारने लगी। मैं अब तक सुरेंद्र मोहन पाठक, वेद प्रकाश शर्मा, प्रेम बाजपेई और मनोज वगैरह के सैकड़ों उपन्यास पढ़ चुका था। दो घटनाएं तभी साथ-साथ हुईं। पिता ने मेरी मर्जी के खिलाफ मुझे इंटर में गणित लेने पर विवश किया और मैंने अचानक एक दूसरी तरह का उपन्यास पढ़ा। यह एक ऐसा उपन्यास था जिसे पढ़ कर मैं कई रातों तक सो नहीं सका। मैं यह सोच कर आश्चर्य में था कि कोई कहानी इस तरह भी लिखी जा सकती है। उन सस्ते उपन्यासों से मन हट गया और इसी तरह के उपन्यासों की तलाश रहने लगी। वह उपन्यास था शरतचंद्र का गृहदाह। फिर क्या था। खोज-खोज के उनको पूरा पढ़ डाला। उनको खोजने गया तो रास्ते में प्रेमचंद मिल गए। उनको पढ़ के अलग तरह का हर्ष हुआ। उनको खोज-खोज कर पूरा पढ़ने में लगा था कि अज्ञेय, निराला और मुक्तिबोध टकरा गए। फिर तो इन सबसे दोस्ती होने लगी। ये मेरा हाथ पकड़ कर रास्ता दिखाने लगे। इन सबको पढ़ते-गुनते इंटर पास किया और अंकों के मामले में पिछली बार से दस प्रतिशत पिछड़ गया। अब स्नातक में हिंदी लेकर पढ़ने की इच्छा जोर मारने लगी थी पर पिता का सपना अभी पूरी तरह टूटा नहीं था। उन्होंने गणित लेकर पढ़वाने के लिए साम दाम दंड भेद सभी प्रयोग कर दिए। आखिरकार बी॰एस॰सी॰ करते हुए उदय प्रकाश, कमलेश्वर, राजेंद्र यादव, अमरकांत, मनोहर श्याम जोशी इत्यादि नामों से परिचित हुआ। साहित्य अब मेरे अंदर सांस लेने लगा था। साहित्य से जुड़ाव एक तरह से आध्यात्मिक क्रिया है, आप सबसे बेखबर रहने लगते हैं और अपनी दुनिया में मस्त। यह खतरनाक भी होता है खासतौर पर एक ऐसे लड़के के लिए जिसके सामने पूरा करियर पड़ा हो। बहरहाल बीण॰एस॰सी॰ में पहली बार मैं अपने शिक्षाकाल में ऐसी घटना से दो चार हुआ जिसे सेकेण्ड आना कहते हैं। वह भी इतने बुरे प्राप्तांकों के साथ कि उल्लेख करना संभव नहीं।
फिर पिताजी ने मेरे डगमगाते भविष्य को देखते हुए मुझे दिल्ली भेजा और अपने एक परिचित के संस्थान से कंप्यूटर कोर्स कराया ताकि लड़का धंधे से लग जाय। लड़का लग भी गया पर चैन नहीं था। अब लगता था जैसे कुछ ऐसा काम किया जाय जिसमें कहानियां न सही कुछ लिखना हो, कुछ पढ़ना हो, शब्द हों, अक्षर हों और सोंधी सोंधी गन्ध वाली किताबें हों। एक दिन अखबार में एक नोटिस देख कर दिल्ली विश्वविद्यालय में पत्रकारिता पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर दिया, घर पर बिना बताए। घर पर तब बताया जब साक्षात्कार के बाद दाखिले की तिथि आई। हंगामा मचा और बवाल हुआ पर प्रवेश हो गया। इस दौरान खुद को खोजा। खूब पढ़ा और कुछ लिखने की कोशिश भी की। कोशिशों को पहचान मिलने लगी तो हौसला बढ़ा। कहानियाँ छपने लगीं। पत्र आने लगे, फोन पर बधाइयाँ मिलने लगीं। अच्छा लगता है और अच्छा लिखने की प्रेरणा भी मिलती है। आज जब अमरकांत जी जैसे लेखकों के पास बैठता हूँ और उन्हें आज भी उसी श्रद्धा और मेहनत से लिखता और उसी उत्सुकता से पढ़ता देखता हूँ तो लगता है जैसे अभी कुछ भी नहीं पढ़ा। कहने को तो वागर्थ, कथा-क्रम, नया ज्ञानोदय, दैनिक जागरण, कथा-बिंब, कथन और साहित्य अमृत जैसी पत्रिकाओं में लगभग दस-ग्यारह कहानियां छप चुकी हैं जिसने ढेरों प्रशंसक और मित्र दिए हैं पर एक भी कहानी ऐसी नहीं जिसे लिखने के बाद लगा हो कि हाँ, ऐसे ही तो लिखना चाहता था इसे। पढ़ने को लिखने से ज्यादा महत्व देता हूँ और देता रहूँगा क्योंकि यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। उदय प्रकाश सबसे पसंदीदा कहानीकार हैं और मनोहर श्याम जोशी पसंदीदा उपन्यासकार। अपने समकालीन कहानीकारों में कुणाल सिंह, चंदन पाण्डेय, नीलाक्षी सिंह और मो॰ आरिफ का प्रशंसक हूँ। जब दो-तीन कहानियां छपी थीं तो लगभग हर दूसरे दिन एक कहानी तैयार कर दिया करता था। लगता था जैसे मैं बहुत अच्छा लिखता हूँ। अब गति धीमी हो गई है क्योंकि अब लिखने पर ज्यादा ध्यान देना चाहता हूँ। एक बार फिर दोहराना चाहूँगा कि ढेर सारा लिख देने में कोई बहादुरी नहीं अगर हम पढ़ने में लिखने से दस गुना ज्यादा उत्सुक नहीं हैं।

रुचियाँ- दुनिया भर की सभी भाषाओं की अच्छी फ़िल्में देखना (जिस प्रकार मुझे प्रत्येक भाषा की बढ़िया किताबें पढ़ने का) , फ़िल्म बनाना (कई डाक्यूमेंट्री फ़िल्मों का निर्माण

सपना- सफलतम फ़िल्म-निर्देशक बनना

जन्मतिथि- 20-10-1981

संप्रति- UNI, इलाहाबाद में सब-एडीटर

संपर्क- 9451887246, vimalpandey1981@gmail.com

कहानी-कलश पर इनकी तिथि- १३वीं

वीरेन्द्र बन्सल

नाम---------- वीरेन्द्र बन्सल
जन्म---------25 सितम्बर 1978 ( मुजफ़्फ़र नगर, उत्तर प्रदेश)
योग्यता......बी.ए. , फोटो डिजाईनिग में प्रैक्टिक्ली मास्टर डिग्री
सम्प्रति----- फ़ोटो डिजाईनिंग-- बन्सल डिजिटल फोटो सर्विसेज
नानौता
सहारनपुर उत्तर प्रदेश
सम्पर्क------- बन्सल फ़ोटोज नानौता सहारनपुर
फोन--(1336) 254497
ईमेल---- virendrabansalgendewra@gmail.com

सहयोग- हिन्द-युग्म पर डिज़ाईनिंग का कार्य

नीरज गोस्वामी




नाम: नीरज गोस्वामी
जन्म: 14 अगस्त 1950 जम्मू
शिक्षा : इंजिनियरिंग स्नातक
संप्रति : लगभग 30 वर्षों का कार्यानुभव, वर्तमान में भूषण स्टील मुम्बई में असिसटैंट वाइस प्रेसिडेंट की पोस्ट पर कार्यरत
रुचियाँ : बचपन से ही साहित्य पठन में रुचि, लिखना हाल ही में आरम्भ किया है। ग़ज़लें लगभग सभी जालघरों में प्रकाशित। अनेक नाटकों में काम किया और पुरुस्कार जीते।
विदेश यात्राएँ : अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, कोरिया, सिंगापुर, आस्टीरिया,टर्की, ईटली, मलेशिया, कनाडा आदि
स्थाई पता : बी 44 तिलक नगर, जयपुर ,राजस्थान
ईमेल : ngoswamy@bhushansteel.com

शोभा महेन्द्रू

इनका जन्म उत्तरांखण्ड की राजधानी देहरादून में १४ मार्च सन् १९५८ में हुआ। हिन्दी साहित्य में प्रारम्भ से ही रुचि रही। विद्यार्थी काल में ही शरद, प्रेमचन्द, गुरूदत्त, भगवती शरण, शिवानी आदि को पढ़ा। लेखन में भी बहुत रुचि प्रारम्भ से ही रही। हमेशा अपने जीवन के अनुभवों को डायरी में लिखा। कभी आक्रोश, कभी आह्लाद, कभी निराशा लेखन में अभिव्यक्त होती रही किन्तु जो भी लिखा स्वान्तः सुखाय ही लिखा। लेखन के अतिरिक्त भाषण, नाटक और संगीत में इनकी विशेष रुचि है। इन्होंने गढ़वाल विश्व विद्यालय से हिन्दी विषय में स्नातकोत्तर परीक्षा पास की है। हिन्द-युग्म की 'यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता' के अगस्त अंक की यूनिपाठिका रह चुकी हैं। वर्तमान में फरीदाबाद शहर के 'मार्डन स्कूल' में हिन्दी की विभागाध्यक्ष हैं। हिन्दी के प्रति सबका प्रेम बढ़े और हिन्दी भाषा बोलने और सीखने में सब गर्व का अनुभव करें, यही इनका प्रयास है।

ईमेल- ritbansal@gmail.com

सूरज प्रकाश



जन्म- १४ मार्च १९५२, देहरादून

विधिवत लेखन- १९८७ से

मूल कार्य

• अधूरी तस्वीर (कहानी संग्रह) 1992
• हादसों के बीच - उपन्यास 1998
• देस बिराना - उपन्यास 2002
• छूटे हुए घर - कहानी संग्रह 2002
• ज़रा संभल के चलो -व्यंग्य संग्रह - 2002

अंग्रेजी से अनुवाद

• जॉर्ज आर्वेल का उपन्यास एनिमल फार्म
• गैब्रियल गार्सिया मार्खेज के उपन्यास Chronicle of a death foretold का अनुवाद
• ऐन फैंक की डायरी का अनुवाद
• चार्ली चैप्लिन की आत्म कथा का अनुवाद
• मिलेना (जीवनी) का अनुवाद 2004
• चार्ल्स डार्विन की आत्म कथा का अनुवाद
• इनके अलावा कई विश्व प्रसिद्ध कहानियों के अनुवाद प्रकाशित

गुजराती से अनुवाद

• प्रकाशनो पडछायो (दिनकर जोशी का उपन्यास
• व्यंग्यकार विनोद भट की तीन पुस्तकों का अनुवाद
• गुजराती के महान शिक्षा शास्‍त्री गिजू भाई बधेका की दो पुस्तकों 'दिवा स्वप्न' और 'मां बाप' से का तथा दो सौ बाल कहानियों का अनुवाद

संपादन

• बंबई 1 (बंबई पर आधारित कहानियों का संग्रह)
• कथा लंदन (यूके में लिखी जा रही हिन्दी कहानियों का संग्रह )
• कथा दशक (कथा यूके से सम्मानित 10 रचनाकारों की कहानियों का संग्रह)

सम्मान

• गुजरात साहित्य अकादमी का सम्मान
• महाराष्ट्र अकादमी का सम्मान

अन्य

• कहानियां विभिन्न संग्रहों में प्रकाशित
• कहानियों के दूसरी भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित
• कहानियों का रेडियो पर प्रसारण और
• कहानियों का दूरदर्शन पर प्रदर्शन

कार्यालय में

• पिछले 32 बरस से हिन्दी और अनुवाद से निकट का नाता
• कई राष्ट्रीय स्तर के आयोजन किये

वेबसाइट: geocities.com/kathalar_surajprakash

email ID : kathaakar@gmail.com

mobile : 9860094402

सम्पर्क : रिज़र्व बैंक, कृषि बैंकिंग महाविद्यालय, ई स्क्वायर के पास, विद्यापीठ मार्ग, पुणे 411016

डॉ॰ कुमार विश्वास

नाम : डा॰ विश्वास कुमार शर्मा
कवि नाम : डा॰ कुमार विश्वास
पिता का नाम : डा॰ चन्द्रपाल शर्मा
जन्म तिथि : दस फ़रवरी उन्नीस सौ सत्तर
जन्म स्थान : धौलाना (ज़िला-गाज़ियाबाद)
शैक्षणिक योग्यता : एम॰ए॰, पी॰एच॰डी॰, डी॰लिट्॰ (पंजी)
शोध विषय : कौरवी लोकगीतों में अभिव्यक्त लोकचेतना का तुलनात्मक अध्ययन
सम्प्रति : गत चौदह वर्षों से विश्वविद्यालय सेवा में स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं का अध्यापन।

शैक्षणिक उपलब्धियां:
1) स्नातकोत्तर परीक्षा में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान (Gold Medalist)
2) भारत सरकार के शिक्षा मन्त्रालय द्वारा स्नातक परीक्षा के आधार पर राष्ट्रीय छात्रवृत्ति प्राप्त
3) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त, “लघु शोध अध्येतावृत्ति (Minor Research Project) के अंतर्गत कौरवी लोकगीतों पर शोध कार्य
4) समकालीन हिन्दी गीत: दशा और दिशा विषय पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी प्राप्त।
5)भारत सरकार के संस्कृति मत्रालय द्वारा “भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में हिन्दी कविता की भूमिका” विषय पर दो वर्ष हेतु “कनिष्ठ अध्येतावृत्ति प्राप्त।
6) विषय से सम्बन्धित लगभग आधा दर्जन शोध-संगोष्ठियों में भाषण एवं पत्र-वाचन।

प्रकाशित कार्य:
1) पुस्तक “इक पगली लडकी के बिन” {काव्य-संग्रह} वर्ष 1995 में प्रकाशित।
2) पुस्तक “कोई दीवाना कहता है” {काव्य-संग्रह} वर्ष 2007 में Full Circle , हिन्द पाकेट बुक्स द्वारा प्रकाशित
3) लगभग एक दर्जन लेख, दो सौ कविताएं, नाटक कहनियां, समीक्षाएं देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।
4) लगभग दर्जन भर मानक पुस्तकों की भूमिकाएं लिखीं।

प्रकाशनाधीन कार्य:
1) “उत्तर भारत की लोकोक्ति कथाएं”
2) “भारत का स्वाधीनता आन्दोलन और कविता”
3) “लोकगीतों में लोकचेतना”
4) “शिला चन्द्रमुखी” (काव्य-संग्रह)

काव्य पाठ:
1) विश्व के कई देशों सहित भारत के सभी राज्यों के विभिन्न नगरों में आयोजित 2000 से अधिक काव्य समारोहों में काव्य पाठ एवं संचालन।
2) देश के सभी प्रमुख टी॰वी॰ चैनलों दूरदर्शन, आज तक, सहारा, स्टार, NDTV, SAB TV, ETV ,Zee News पर काव्य-पाठ एवं परिचर्चा।
3) अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों के लिए भारत सरकार के अनुरोध पर कश्मीर जा कर काव्य पाठ।
विशिष्ट उपलब्धियां:
1) प्राथमिक से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक जिला, विश्वविद्यालय एवं राज्य स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व एवं विभिन्न पुरस्कार
2) स्वरचित काव्य-पाठ प्रतियोगिताओं में सहभागिता एवं पुरस्कार।
3) स्नातक परीक्षा में महाविद्यालय में प्रथम स्थान।
4) स्नातकोत्तर परीक्षा में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान।( Gold Medal)
5) वर्ष 1990 एवं 1991 में प्रकाशित एस॰एस॰वी॰ कालेज, हापुड की पत्रिका ‘चिन्तन’ का छात्र संपादक
6) एम॰एम॰एच॰ कालेज, गाज़ियाबाद द्वारा वर्ष 1991-92 के लिए ‘विशिष्ट’ कवि’ पुरस्कार
7) हिन्दी काव्य मंचों पर 1998 से देश के अधिसंख्य नगरों में सफ़ल काव्यपाठ
8) देश के सभी प्रमुख टी॰वी॰ चैनलों पर काव्यगोष्ठियों में एकल काव्य-पाठ
9) समीक्षा, गाज़ियाबाद द्वारा वर्ष 1993 का ‘युवा साहित्यकार’ पुरस्कार
10) राष्ट्रीय एकता युवा, जबलपुर द्वारा वर्ष 1993 में ‘श्रेष्ठ सृजन’ पुरस्कार
11) डा॰ कुंअर बेचैन काव्य सम्मान एवं पुरस्कार समिति, गाज़ियाबाद द्वारा वर्ष 1994 का ‘काव्य कुमार’ पुरस्कार
12) अखिल भारतीय नारी एवं बाल विकास परिषद , हापुड द्वारा वर्ष 1994 का “काव्य-गंगा” पुरस्कार
13) गुंजन कला सदन, मध्य-प्रदेश द्वारा वर्ष 1996 का “नूर जबलपुरी” पुरस्कार
14) संकल्प, फ़ैजाबाद द्वारा “सवक्तव्य एकल काव्य पाठ” एवं सम्मान
15) एम॰एस॰एम॰ मीडिया कम्पनी के टी॰वी॰ सीरियल के लिए शीर्षक गीत लिखा
16) चन्द्रपुर (महाराष्ट्र) की साहित्यिक संस्था “पैगाम” द्वारा वर्ष 2001 का “पैगाम पुरस्कार” प्राप्त
17) मानस मंच, कानपुर द्वारा वर्ष 2003 का “लाला बालकराम आहूजा सम्मान”
18) बसन्त मित्र मंडल भागलपुर द्वारा वर्ष 2003 का “राष्ट्रकवि नेपाली सम्मान” प्राप्त
19) साहित्य भारती, उन्नाव द्वारा वर्ष 2004 में “डा॰ सुमन अलंकरण”
20) पंडित दीनदयाल उपाध्याय साहित्यिक सेवा संस्था द्वारा “पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान” से 2005 में सम्मानित
21) नारायण विद्या आश्रम, किशनी द्वारा “राम शरण गुप्त किशनी स्मृति कवि कौशलेन्द्र सम्मान” से 2005 में सम्मानित
22) हिन्दी-उर्दू अवार्ड कमेटी, उत्तर प्रदेश द्वारा “साहित्य श्री-2006” सम्मान
23) लायंस क्लब और रोटरी क्लब द्वारा कई बार सम्मानित
24)“ईगल वीडियोज़” द्वारा प्रसारित वीडियो कवि सम्मेलन का संचालन
25) इंटरनेट पर अत्यंत लोकप्रिय। आरकुट , याहू, पर कई फ़ैन क्लब एवम यू-ट्यूब, गूगल वीडियो पर कई वीडियो क्लिप्स अत्यंत ही लोकप्रिय।
26) आने वाली एनिमेशन फ़िल्म “जय गणेश” व “कुलई खान” के लिये पट्कथा, संवाद व गीत लेखन।
27) चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा स्वीकृत “कुलगीत” का लेखन

कैसेट:
1) “श्रृंगार स्वर” – स्वर बेला एण्टर्प्राईसेज द्वारा वर्ष 1990 में एक घंटे के काव्यपाठ का कैसेट निर्मित एवं प्रसारित्।
2) “बांसुरी चली आओ”- श्रुति कैसेट्स दिल्ली द्वारा गीतों का कैसेट निर्मित
3) “अग्निसागर” एवम “तालियां” – देश के दो लोकप्रिय कवियों के कैसेटों का समीक्षात्मक टिप्पणियों सहित संचालन।

पता : “सहयोग”, 3/1084, उच्च- श्रेणी भवन, वसुन्धरा, गाज़ियाबाद
दूरभाष- 0120-2883488, 0122-2323000
ई -मेल - kumarvishvas@gmail.com, kumarvishvas@yahoo.com
वेबसाईट- www.kumarvishwas.com


डॉ॰ कुमार विश्वास हिन्द-युग्म के अतिथि कवि हैं और प्रत्येक माह के तीसरे बुधवार को अपनी कविता पोस्ट करते हैं।

स्मिता तिवारी

नाम- स्मिता तिवारी


जन्म- २५ सितम्बर, १९६३ (लखनऊ, उ॰प्र॰)

योग्यता- मास्टर ऑफ़ फ़ाइन आर्ट्स (एम॰एफ़॰ए॰), अप्लाइड आर्ट्स विभाग, दृश्य कला संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी।

सम्प्रति- अध्यापन- मनकापुर, जनपद-गोंडा (उ॰प्र॰)।

रुचियाँ- चित्रकलाओं के साथ-साथ ललित कलाओं की विविधताओं के प्रति समर्पण। व्यवहारिक कला की अनेक विधाओं के अतिरिक्त तैल-चित्रण, रेखांकन, संयोजन, कम्प्यूटर-चित्रण, क्राफ़्ट-कार्य आदि। उत्कृष्ट साहित्य के प्रति गहरा लगाव एवं रुझान, पठन-पाठन, संकलन। अतुकान्त कविता व लेख-लेखन। रंग एवं कला के प्रति जिज्ञासु एवं लालायित जनों को उनकी अपेक्षानुसार निर्देशित करने का बीड़ा।

परिवार- पति- के॰के॰ तिवारी, प्रमुख- जनसम्पर्क विभाग, आईटीआई लिमिटेड, मनकापुर, जनपद-गोंडा।
(मास्टर ऑफ़ फ़ाइन आर्ट्स)
सुपुत्री- सुकृति तिवारी, बीबीएम छात्रा, बैंगालुरु।
सुपुत्र- चित्रार्थ तिवारी, छात्र, आईएससी मनकापुर।

सम्पर्क- मनकापुर, जनपद- गोंडा (उ॰प्र॰)

ईमेल- smita25kk@gmail.com

अबतक- अनेक नगरों में ग्रुप-शो, एकल कला प्रदर्शनियाँ, नाट्य एवं विविध-विधा मंचीय दृश्यों का निर्माण एवं साज-सज्जा, लेख एवं कविताओं का अनेक संकलनों एवं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन (कुछ कविताएँ अनुभूति में प्रकाशित)। आकाशवाणी, कला मंचों व नाट्य संस्थाओं से जुड़े रह कर अपेक्षित योगदान आदि।

हिन्द-युग्म की चित्रकार स्मिता तिवारी काव्य-पल्लवन की कविताओं पर एवम् यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता के विजाताओं की कविताओं पर पेंटिंग बनाती हैं।

डॉ॰ कविता वाचक्नवी

नाम : डॉ. कविता वाचक्नवी

जन्म : 6 फरवरी, 1963 (अमृतसर)

शिक्षा :
एम.ए.-- हिंदी (भाषा एवं साहित्य),
प्रभाकर-- हिन्दी साहित्य एवं भाषा,
एम.फिल.--(स्वर्णपदक) – "निराला-काव्य की रंग-शब्दावली : एक समाज-भाषावैज्ञानिक अध्ययन",
पी.एच.डी.--- "जातीयता की संकल्पना और आधुनिक हिंदी कविता",
शास्त्री – संस्कृत साहित्य

भाषाज्ञान :
पंजाबी (मातृभाषा), हिंदी, संस्कृत, मराठी, अंग्रेजी, नॉर्वेजियन

प्रवास : नॉर्वे, जर्मनी, थाईलैंड

प्रकाशन :
1)----"महर्षि दयानन्द और उनकी योगनिष्ठा" (शोध पुस्तक) 1984

2)----"मैं चल तो दूँ" (कविता पुस्तक) 2005
3)----कविता, गीत, कहानी, शोध, 50 से अधिक पुस्तकों की समीक्षाएँ, संस्मरण, ललित निबंध, साक्षात्कार तथा रिपोर्ताज आदि विधाओं में देशभर की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर लेखन
4)----एन.सी.ई.आर.टी.की अन्यभाषा/ हिन्दी की पाठ्यपुस्तक (कविता सम्मिलित) 2002
5)----'ओरियंट लाँगमैन' की 'नवरंग रीडर' (दोहे सम्मिलित) 2003
6)----राज्य की 7वीं व 8वीं की द्वितीय भाषा हिन्दी की पाठ्यपुस्तक (बाल कविताएँ सम्मिलित ) 2002
7)----समवेत संकलनों में रचनाएँ
8)----कई कविताएँ नेपाली व असमिया में अनूदित
9)----टीवी विज्ञापनों के लिए लेखन

संपादन :
1)---स्त्री सशक्तिकरण के विविध आयाम (ग्रंथ) (2004)
2)---दक्षिण भारत कान्यकुब्ज सभा स्मारिका (2003)
3)---इक्कीसवीं शती का विश्व : भारतीय जीवनमूल्य (प्रकाश्य)

सम्मान :
1) कर्पूर वसंत सम्मान (2003),
2) राष्ट्रीय एकता सद्‌भावना पुरस्कार (2002),
3) दलित मित्र (2003),
4) विद्यामार्तंड (2004),
5) महारानी झाँसी सम्मान (2001)

संप्रति :-
1)----संस्थापक-महासचिव – 'विश्‍वम्भरा' – भारतीय जीवनमूल्यों के प्रसार की संकल्पना (संस्था)
2)----कार्यदर्शी (मन्त्री) – स्त्री समाज, अंतर्राष्ट्रीय वेद प्रतिष्ठान न्यास
3)----केंद्रीयविद्यालय मैनेजमेंट कमेटी (एयरफ़ोर्स स्टेशन) में संस्कृतिविद् के रूप में मनोनीत

अन्य :
1)---वर्ष 1995, 1996 में नॉर्वे में योग व ध्यान की कक्षाओं का संचालन, संयोजन व नियमन
2)---'आर्य लेखक कोश' (सं.- डॉ.भवानीलाल भारतीय) में परिचय व उल्लेख (सन् 1989)
3)----केंद्र सरकार के विविध उपक्रमों में राजभाषा हिन्दी के क्रियान्वयन विषयक आयोजनों में वक्ता के रूप में भागीदरी
4)----- आर्यसमाज बैंकॉक के आमंत्रण पर दिसंबर 1999 से फ़रवरी 2000 तक 'संस्कृत एवं हिन्दी भाषा-साहित्य में भारतीय वैदिक संस्कृति' विषयक व्याख्यान-यात्रा
5)----जीवनमूल्यों-पर केंद्रित सर्टिफ़िकेट-कोर्स का नियमन व संचालन
6)----केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली द्वारा आयोजित 10 राज्यों के स्नातकोत्तर हिन्दी अध्यापकों के 3 सेवाकालीन प्रशिक्षण शिविरों में 'रिसोर्स पर्सन' के रूप में साहित्य, भाषा, भारतीयता और मूल्यशिक्षा का दीर्घकालीन अध्यापन
7)----50 से अधिक गंभीर गवेषणापूर्ण शोध आलेख
8)----विविध अखिल भारतीय संगोष्ठियों में पत्र-प्रस्तुति, संयोजन, अध्यक्षता एवम् संचालन
9)----डॉ.नामवर सिंह, डॉ.विद्यानिवास मिश्र, डॉ.प्रभाकर श्रोत्रिय, श्री अशोक वाजपेयी प्रभृति कवि, विद्वान् , आलोचकों आदि से समीक्षा-दृष्टियों, काव्य-विमर्श, साहित्य, भाषा, संस्कृति व विविध विधाओं आदि पर केंद्रित 35 से अधिक गहन विचार-विमर्शपूर्ण साक्षात्कार
10)----महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय एवम् उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, विश्वविद्यालय विभाग, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा में अतिथि –अध्यापक के रूप में अंशकालिक अध्यापन

सम्पर्क :
kvachaknavee@yahoo.com
चिट्ठा- http://360.yahoo.com/kvachaknavee, http://k-vachaknavee.blogspot.com



हिन्द-युग्म की सलाहकार

जयप्रकाश मानस


मूल नाम- जयप्रकाश रथ
जन्मतिथि- २ अक्टूबर, १९६५
शिक्षा-
एम॰ए॰ (भाषा विज्ञान), एम॰एस॰सी॰ (आई॰टी॰)


प्रकाशित कृतियाँ


कविता संग्रह


१॰ तभी होती है सुबह

२॰ होना ही चाहिए आँगन



ललित निबंध


दोपहर में गाँव (पुरस्कृत)


बाल साहित्यः बाल गीत



पुरस्कार एवम् सम्मान


१॰ कादम्बिनी पुरस्कार (दी टाईम्स ऑफ़ इंडिया)


२॰ विसाहू दास महंत पुरस्कार


३॰ अस्मिता पुरस्कार


४॰ अंबेडकर फ़ैलोशिप, दिल्ली


५॰ अंबिका प्रसाद दिव्य रजत अलंकरण एवम् अन्य ३ सम्मान



शासकीय चाकरी


१॰ परियोजना निदेशक, संपूर्ण साक्षरता अभियान, जिला-रायपुर


२॰ परियोजना निदेशक, राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन, जिला-रायपुर


३॰ उप संचालक, शिक्षा, जिला-रायगढ़


४॰ सचिव, छत्तीसगढ़ संस्कृत बोर्ड, छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर


५॰ सचिव, छत्तीसगढ़ी भाषा परिषद, छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर


६॰ विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, छ॰ग॰ हिन्दी ग्रंथ अकादमी, रायपुर


७॰ संपादक, अंजोर (शिक्षा विभाग की त्रैमासिक पत्रिका)


यूनिमीमांसक जयप्रकाश मानस प्रत्येक माह की १०वीं तिथि को पिछले माह में प्रकाशित सभी कविताओं की मीमांसा प्रकाशित करते हैं।

डॉ॰ ऋषभदेव शर्मा



जन्म
04.07.1957, ग्राम - गंगधाडी, जिला - मुज़फ्फर नगर, उत्तर प्रदेश
शिक्षा
एम.ए. (हिन्दी), एम.एससी. (भौतिकी), पीएच.डी. (उन्नीस सौ सत्तर के पश्चात की हिंदी कविताओं का अनुशीलन)।
कार्य
प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, खैरताबाद, हैदराबाद - 500 004
1983-1990
जम्मू और कश्मीर राज्य में गुप्तचर अधिकारी (इंटेलीजेंस ब्यूरो, भारत सरकार)
1990-1997
प्राध्यापक : उच्च शिक्षा और शोध संस्थान,
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा : मद्रास और हैदराबाद केंद्र में।
1997-2005
रीडर : उच्च शिक्षा और शोध संस्थान : हैदराबाद केंद्र में।
2005-2006
प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान : एरणाकुलम केंद्र में।
संप्रति
१५ मई, २००६ से : प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, उच्च शिक्षा और शोध संस्थान : दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, हैदराबाद केंद्र में।
प्रकाशन
काव्य संग्रह
तेवरी, तरकश, ताकि सनद रहे।
आलोचना
तेवरी चर्चा, हिंदी कविता : आठवाँ नवाँ दशक। कविता की समकालीनता (प्रकाश्य)।
अनुवाद चिंतन
साहित्येतर हिंदी अनुवाद विमर्श।
संपादन पुस्तकें
पदचिह्न बोलते हैं, कच्ची मिट्टी-२, पुष्पक-३ और ४, अनुवाद का सामयिक परिप्रेक्ष्य, भारतीय भाषा पत्रकारिता, शिखर-शिखर (डॉ.जवाहर सिंह अभिनंदन ग्रंथ), हिंदी कृषक (काजाजी अभिनंदन ग्रंथ), माता कुसुमकुमारी हिंदीतर भाषी हिंदी साधक सम्मान: अतीत एवं संभावनाएँ, अनुवाद: नई पीठिका-नए संदर्भ, स्त्री सशक्तीकरण के विविध आयाम, प्रेमचंद की भाषाई चेतना।
पत्रिकाएँ
संकल्य (त्रैमासिक) : दो वर्ष
पूर्णकुंभ (मासिक) : पाँच वर्ष : सहायक संपादक
महिप (त्रैमासिक) : सहयोगी संपादक
आदर्श कौमुदी : तमिल कहानी विशेषांक
कर्णवती : समकालीन तमिल साहित्य विशेषांक।
पाठ्यक्रम लेखन(विषय विशेषज्ञ)
डॉ.बी.आर.अंबेडकर सार्वत्रिक विश्वविद्यालय, हैदराबाद।
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, चेन्नै।
नवोदय विद्यालय, एन सी ई आर टी, दिल्ली।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आफीसर्स एसोसिएशन इंस्टीट्यूट, चेन्नै।
विभिन्न विश्वविद्यालयों / महाविद्यालयों/संस्थानों द्वारा आयोजित संगोष्ठियों / लेखक शिविरों/ कार्यशालाओं में संसाधक/विषय विशेषज्ञ।
शोध निर्देशन
पीएच.डी. और एम.फिल. के ६५ शोध प्रबंधों का सफलतापूर्वक निर्देशन।
विशेष
मूलतः कवि। १९८० में तेवरी काव्यांदोलन (आक्रोश की कविता( का प्रवर्तन।अनेक शोधपरक समीक्षाएँ एवं शोधपत्र प्रकाशित। लगभग ५० पुस्तकों के लिए भूमिका-लेखन।
ई-मेल
साइट

सभी शोध निर्देशन



यूनिसमीक्षक ऋषभदेव शर्मा प्रत्येक सप्ताह के शुक्रवार को पिछले सप्ताह (सोमवार-रविवार) में प्रकाशित कविताओं की समीक्षा प्रकाशित करते हैं।

अनुराधा श्रीवास्तव


अनुराधा श्रीवास्तव (जगधारी)
जन्मस्थान-लखनऊ (उतरप्रदेश)
जन्मतिथि-१९-९-१९६१
शिक्षा -एम०ए,बी०एड
प्रारम्भिक शिक्षा-भीलवाड़ा (राज॰)
मिडिल से पोस्ट ग्रेज्युशन तक झालावाड़ (राज॰)

कालेज में कालेज की पत्रिका की एडीटर थीं। १९८४ में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के निबन्ध "कविता क्या है?" पर लिखा गया लघुशोध प्रबन्ध पुस्तक रुप में प्रकाशित। विवाह के बाद सिर्फ परिवार तक सीमित। साहित्य के प्रति रुझान बचपन से ही है। माता-पिता दोनों शिक्षण क्षेत्र से, साहित्य के व्याख्याता रहे हैं। अतः पढने का माहैल शुरू से मिला। बचपन में भाई की कवितायें छुप कर पढती थीं, खुद ने कब लिखना शुरू किया पता ही नहीं चला। लेखन इनके लिए स्वानतः सुखाय ही रहा है।

हिन्द-युग्म पर इनका वार- बुधवार

विपिन चौहान "मन"



कवि विपिन चौहान "मन" का जन्म जिला मेनपुरी (उत्तर प्रदेश) में १५ दिसम्बर १९८२ को हुआ। इनके पिता भारतीय थल सेना में थे और माता सामान्य गृहणी हैं। हिन्दी कविता और साहित्य के प्रति पूरे परिवार मे किसी के मन में कोइ रुचि नहीं थी। शुरूआत के वर्षों में गाँव मे ही जीवन व्यतीत हुआ इस लिये शिक्षा भी बहुत ज्यादा नहीं हो पायी सिर्फ दसवीं तक ! उस के बाद रिलाइन्स ग्रुप मे स्वान प्रशिक्षक के रूप मे काम करने का संयोग प्राप्त हुआ
इस कारण भी शिक्षा पूरी नहीं हो पायी। लगभग पिछले ८ वर्षो से हिन्दी कविताये लिख रहे हैं। अब तक लगभग ४०० ग़ज़लें और २४० कविताएँ लिख चुके हैं। मुख्य व्यवसाय स्वान प्रशिक्षण है। साइबर कैफे के संचालक हैं और कम्प्यूटर शिक्षक भी हैं। इनके अनुसार इनका शाब्दिक ज्ञान कम है किन्तु इनका व्यवहारिक ज्ञान इन्हें कभी शर्मिन्दा नहीं होने देता।

हिन्द-युग्म पर इनका वार- गुरुवार

विकास कुमार

विकास कुमार जहानाबाद (बिहार) से हैं। दसवीं तक झारखंड के नेतरहाट विद्यालय में पढ़े। हिन्दी-साहित्य के प्रति प्रेम का प्रथम भाव वहीं उपजा। पुस्तकालय की समृद्धि के कारण हिन्दी के सभी प्रमुख साहित्यकारों को गहराई से पढ़ पाये। साइंस कॉलेज, पटना से I.Sc. और फिर IIT Bombay में अभी रासायनिक आभियंत्रिकी के अंतिम वर्ष के छात्र हैं।

जो भी लिखते हैं, अपने ब्लॉग पर अपने लिये लिखते हैं। एक बार अनुभूति में भी रचना आयी है। कई बार विद्यालय में और अभी IIT में प्रतियोगितायें जीतते रहे हैं।

कविता के अलावा नाट्य लेखन, अभिनय एवं निर्देशन में रुचि है।

संपर्क-

vikash.iitb@gmail.com


हिन्द-युग्म की आवाज़ के नियंत्रक


भूपेन्द राघव

प्रकाशित कवितायें

  1. हो परी कोई या नदी कोई .....

  2. मनुहार पत्रिका ( सपरिवार )

  3. होनहार बिरवान

  4. अबोध-बोध प्रमोद

  5. फर्ज..

  6. मोबाइल भूकम्प

  7. भेड़चाल

  8. और कहूँ अब आगे क्या मैं..

  9. प्रतिज्ञा...

  10. समझदारी...

  11. होनहार पीढ़ी

  12. हाँ री सखी री
    बसंत आयो

  13. टेटू बनाम नागलोई...

  14. बॉल की बोली

  15. मार्च इन मार्च फ्रोम गंज टू गंज ( बीरगंज (नेपाल) हास्य कवि सम्मेलन)

  16. पहला एक्सपीरिएंस...

  17. हो संतुलित अपना पर्यावरण

  18. विडम्बना

  19. मेरा आसमां...

  20. माँ

  21. हँसिकाएं...

  22. प्रभु-पुकार (स्कोप)

  23. हे पित्र नमन हे पित्र नमन...

  24. भूत की कछरिया....

  25. लहर कहर - शमशान शहर...

  26. आखिर किस ठोर चलें ... ???

  27. आखिर कब तक.....

  28. तिरछी नज़र....

  29. समावरोह... ( बदल रही है मेरी दिल्ली)

  30. फिर गूँज उठी दिल्ली....

  31. मेरी ख्वाहिश

  32. शंखनाद...

  33. शिव-आराधना...



उत्तर प्रदेश राज्य के बुलन्दशहर जनपद के एक छोटे-से गाँव अटेरना में इनका जन्म हुआ। ग्रामीण परिवेश और उसकी मिट्टी में बढ़ते हुए, पेड़-पोधों के साथ-साथ पल्लवित होते हुए भूपेन्द्र राघव का बचपन से ही अपनी मातृ भाषा से विषेश लगाव रहा। स्कूल में सहपाठियों के साथ कवितायें/दोहा/चौपाई/हिन्दी की अंत्याक्षरी आदि सुनने-सुनाने में अत्यधिक रुचि लेते थे। विज्ञान के छात्र होने के बावजूद हिन्दी लेखन /सहित्य एवं कला के प्रति खास रुझान रहा। 12वीं कक्षा तक पहुँचते-पहुँचते हिन्दी की बहुत सारी कवितायें/गजल/गीत लिखे परंतु कभी संजोकर नहीं रखा और वो सभी रचनायें गुम हो गयीं, कुछ हास्य कवितायें स्कूल/कालेज की वाषिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं, तत्पश्चात राघव ने दिल्ली आकर एक छोटे से संस्थान से कम्प्यूटर साफ्ट्वेयर का प्रशिक्षण ले जीविका निर्वाह में जुट गये, नौकरी के साथ-साथ कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग में स्वयं दक्षता हासिल कर वर्तमान में एक निर्यात संस्थान में कम्प्यूटर हार्डवेयर साफ्टवेयर व नेटवर्क इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। यहीं पर ये अंतरजाल पर ब्लोग-जगत के सम्पर्क में आये और मन में एक अभिलाषा लिये फिर से कलम सम्भाल ली।

मात्र भाषा ही नहीं है, वरन मातृ भाषा मेरी,
पल्लवन इसका करूं मैं ये ही अभिलाषा मेरी ।
माँ सरस्वती की दुहिता और संस्कृत की सुता,
सरित सा प्रभाव और, लिए सागर की गम्भीरता ।
गूढ़ भी आसान भी और हिंद की पहिचान भी,
जन - जन कि जुबान और राष्ट्र का सम्मान भी ।
सिंधु की ये सभ्यता, भविष्य की आशा मेरी,
पल्लवन इसका करूं मैं ये ही अभिलाषा मेरी।
मात्र भाषा ही नही ..............
मनन मन मंथन करूं तो रत्न कोटिक गोद में ,
कोतुहल भय विषाद में प्रेम में प्रमोद में ।
विरह में वात्सल्य में शृंगार में और क्रोध में ,
करुण में परिहास में अनन्त जिज्ञासा मेरी ।
पल्लवन इसका करूं मैं ये ही अभिलाषा मेरी ,
मात्र भाषा ही नही ..............


सम्पर्क सूत्र
raghav.id@gmail.com

बाल-उद्यान पर इनका वार - वृहस्पतिवार





हिन्दयुग्म-कवितायें पर इनका वार - बुधवार

प्रवीण पंडित

जन्म-स्थान - पश्चिमी उत्तर प्रदेश का हापुड़ नगर
जन्म-तिथि - सितंबर की दसवीं तारीख़
आयु के किस मोड़ पर लिखना आरंभ किया, इन्हें भी ठीक से स्मृति नहीं।
क्या लिखा, यह इन्हें महत्त्वपूर्ण नहीं लगता, लेकिन आज लेखनी जो भी कह पाती है, शैशव के उसी महत्त्वहीन लेखन के कारण ही है।
निरंतर लिखते रहे -- गीत, कविता, निबंध, कहानियाँ। जो देखा या महसूस किया, लिख दिया।
हाँ, यदि रंग-मंच सामने आ गया, अभिव्यक्ति की शेष विधायें उस क्षण गौण हो गयीं। छोटे-छोटे नाटक लिखे भी और मंचित भी किये।
'कादम्बिनी' मे कुछ लघु-कथायें अरसा पहले प्रकाशित हुईं परंतु अन्य कुछ पत्रिकाओं द्वारा धोखा खाने के बाद अब केवल लिखते हैं और रख देते हैं।
यदा-कदा, चित्र-प्रदर्शनी एवं संगीत-समारोहों में जाते हैं। सूफ़ी क़लाम में डूब जाने में इन्हें सुख मिलता है।
पितामह पंडित आनंद कुमार (प्रख्यात नाटक 'बेगम का तक़िया' के सर्जक) और श्वसुर श्री मदन 'शलभ' ( सुविख्यात कवि) के स्नेहाशीष के कारण ही लेखनी हाथ में है और कर्म-रत है।
मुख्य कार्यालय - मुंबई (पश्चिम रेलवे)। फ़िलहाल डेपुटेशन पर दिल्ली मेट्रो में डी.जी.एम (सिगनल एवं टेलीकॉम) के पद पर कार्यरत हैं।
किंतु यह तो अ-परिचय कहा जाना चाहिये, चाहते हैं कि लेखन स्वयं परिचय बने तो ठीक।

कहानी-कलश पर इनकी तिथि- ९वीं


सजीव सारथी

संगीतबद्ध गीत

पहले एल्बम 'पहला सुर' से

  1. सुबह की ताज़गी

  2. वो नर्म सी

  3. एक झलक

  4. बात ये क्या है जो

  5. रूह की बेज़ारियों को

  6. सम्मोहन


दूसरे सत्र से

  1. संगीत दिलों का उत्सव है

  2. बढ़े चलों

  3. आवारादिल

  4. मैं नदी

  5. जीत के गीत

  6. ओ मुनिया

  7. डरना झुकना छोड़ दे

  8. ओ साहिबा

  9. तू रूबरू

  10. One Earth- हमारी एक सभ्यता


'इंडो-रशिया मैत्री गीत'

सभी गीतों को सुनें-





आवाज़-मंच के सम्पादक

सजीव सारथी का नाम इंटरनेट पर कलाकारों की जुगलबंदी करने के तौर पर भी लिया जाता है। हिन्द-युग्म के वर्चुएल-स्पेस में गीत-संगीत निर्माण की नई और अनूठी परम्परा की शुरूआत करने का श्रेय सजीव सारथी को जाता है। अक्टूबर 2007 में सजीव ने संगीतकार ऋषि एस के साथ मिलकर कविताओं को स्वरबद्ध करने की नींव डाली। सजीव के निर्देशन में ही हिन्द-युग्म ने 3 फरवरी 2008 को अपना पहला संगीतमय एल्बम 'पहला सुर' ज़ारी किया जिसमें 6 गीत सजीव सारथी द्वारा लिखित थे।

4 जुलाई 2008 से हिन्द-युग्म ने अपने 'आवाज़' मंच की विधिवत शुरूआत की, जिसका दायित्व सजीव सारथी को सौंपा गया। सजीव ने यह दायित्व बखूबी निभाया। 4 जुलाई से लेकर 31 दिसम्बर 2008 तक सजीव के नियंत्रण में प्रत्येक शुक्रवार एक गीत रीलिज किया गया, जिससे 60 से अधिक कलाकारों (गायकों, संगीतकारों और गीतकारों) को एक विश्वव्यापी मंच मिला। आवाज़ ने 'पॉडकास्ट कवि सम्मेलन', 'सुनो कहानी', 'ओल्ड इज़ गोल्ड', 'महफिल-ए-ग़ज़ल', 'ताज़ा सुर ताल', 'ऑनलाइन पुस्तक विमोचन', 'गीतकास्ट प्रतियोगिता' जैसे कई लोकप्रिय स्तम्भों की शुरूआत की। दूसरे सत्र के संगीतबद्ध गीतों को रीलिज करने की कड़ी में सजीव सारथी द्वारा 10 गीत लिखे गये। सजीव ने भारत में रूसी दूतावास के लिए 'भारत-रूस मित्रता' पर 'द्रुज़बा' गीत की रचना की।

जन्म हुआ २४ फरवरी १९७४ को दक्षिण भारत के एक छोटे से गाँव में। चार साल के थे जब दिल्ली आये, तब से यहीं हैं। बचपन से ही साहित्य , संगीत और सिनेमा , इनके जीवन के आधार रहे, वाणिज्य में सनातन किया ताकि कोई अच्छी नौकरी मिले वो मिली भी, पर मन हमेशा रचनात्मक कार्य-कलापों में ही लगा। स्कूल से ही सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी शुरू हो चुकी थी, जो कॉलेज़ में पहुँच कर अपने चरम पर पहुँची।

मूलतः एक गीतकार हैं, जो कविताओं में अपने आपको तलाश करते हैं, कहानी-पटकथा-संवाद भी लिख लेते हैं, कुल सात लघु फ़िल्में और ३ फुल लेंथ फिल्मे लिख चुके हैं, जिनमें से मात्र दो लघु फिल्मों को ही बन कर प्रसारित होने का सौभाग्य मिल पाया है, एक संगीत समुदाय के सदस्य हैं, दो धारावाहिकों के लिए शीर्षक गीत लिखने के साथ साथ बतौर सह निर्देशक भी काम कर चुके हैं ..... और कोशिशें जारी है।

गीतकार कवियों को अधिक पढ़ते हैं, इसलिये जाहिर है कि गुलज़ार साब, जावेद अख़्तर, निदा फ़ाज़ली, नीरज, इंदीवर, मजरूह, रविंद्र जैन सभी धड़कनें हैं इनकी, यूँ तो थोड़ा-थोड़ा निराला, नागार्जुन, बशीर बद्र, मीर, ग़ालिब सभी को पढ़ा है। शैलेंद्र इनके अतिप्रिय हैं जिनकी इन दो पक्तियों में इनके अनुसार इनके जीवन का सार है-

" आबाद नहीं बरबाद सही, गाता हूँ ख़ुशी के गीत मगर,
जख्मों से भरा सीना है मेरा , हँसती है मगर ये मस्त नज़र "

संपर्क-
७७७, सेक्टर ६
आर के पुरम, नई दिल्ली-११००२२
sajeevsarathie@gmail.com
09871123997

मुलाक़ात
हिन्द-युग्म के 'पहला सुर' की सफलता के बाद सजीव सारथी का साक्षात्कार एआईआर एम-रैनबों और सामुदायिक रेडियो डीयू-एमएम पर प्रसारित किया गया। सजीव सारथी के साथ बातचीत नीचे के प्लेयर से सुनें।

रचना सागर

“परिस्थितियाँ व प्रोत्साहन कभी भी, किसी को भी कवि बना सकते हैं” ऐसा मानना है कवियत्री रचना सागर का। रचना सागर का जन्म 25 दिसम्बर 1982 को बिहार के छ्परा नामक छोटे से कस्बे के एक छोटे से व्यवसायिक परिवार मे हुआ। इनकी शिक्षा-दीक्षा भी वहीं हुई। आरंभ से ही इन्हे साहित्य मे रुची थी किंतु कविता भी ये लिख सकती हैं इन्होंने तब तक नहीं सोचा था, जब तक कि एक घटना ने इनकी सोच को नहीं बदल दिया। एक बार स्कूल के एक नाटक में हिस्सा लेने के लिये इन्होंने अपनी तैयारी की और बहुत खुश हो अपने पिता जी को भी अपने साथ ले गई। इनके पिता जी ने जब देखा कि ये इतने लोगों (स्कूल व बाहर) के सामने नाटक में हिस्सा लेंगी तो यह बात इनके पिता को अच्छी नहीं लगी और इनके नहीं चाहने के बावजूद घर ले आये। इस घटना ने इन्हें अंतर्मुखी बनाया और तब इन्होंने सोचा की जब बाहर नहीं जा सकते तो कविता को ही अपना माध्यम चुना जाय। उसी दौरान इन्होंने अपनी पहली रचना प्यारे फूल (01/10/1995) में लिखी। परिस्थितिवश ये आगे ज्यादा लिख नही पाईं और जो भी लिखा उसे प्रकाशित न करा सकीं। तथापि इनकी रचनात्मकता थमी नहीं और कविताओ और रचनाओ को अच्छी तरह समझने हेतु उर्दु भाषा का गहन अध्ययन किया। साथ ही मनोविज्ञान में परास्नातक (M.A.) की परीक्षा उत्तीर्ण की जिससे बच्चों के मनोविज्ञान के ऊपर कुछ किया जा सके। शादी के पश्चात पति अभिषेक जी के द्वारा राजीव रंजन जी के सम्पर्क मे आईं और राजीव जी के प्रोत्साहन , पति और बच्ची (आर्श्या) के प्रेरणा से फिर से लिखना शुरू किया और अंतरजाल पर अपना ब्लॉग"मेरी कुछ यादें पर लिखा। जल्द ही "हिन्द-युग्म" द्वारा "बाल-उद्यान" शुरू होने पर इन्हे भी लिखने का मौका मिला।

नाम- रचना सागर
ई-मेल- abhisheksagar143@gmail.com
पता- पत्नि श्री अभिषेक सागर
मकान संख्या- 576 , सेक्टर -30
फ़रीदाबाद (हरियाणा)- 121003

बाल-उद्यान पर इनका वार - मंगलवार


अक्षय चोटिया

नाम- मास्टर अक्षय चोटिया
शिक्षा- कक्षा 6
जन्म स्थान- पिलानी
जन्म तिथी- 24-02-96
रुचि- कविता, कहानी बनाना, खेलना, घूमना, क्रीकेट, जूडो-करांटे चैम्पियन, चित्रकला इत्यादि

ये बहुत मस्ती करते हैं, ये चाहते हैं कि ये बस छोटे ही बने रहें और हमेशा सबका प्यार पाते रहें।


बाल-उद्यान पर इनकी तिथियाँ- ६वीं और २०वीं

ज़ाकिर अली ‘रजनीश’

जन्म: एक जनवरी उन्नीस सौ पिचहत्तर (01-01-1975, लखनऊ)

शिक्षा: एम0ए0 (हिन्दी), बी0सी0जे0, सृजनात्मक लेखन (डिप्लोमा।
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ से “हिन्दी का बदलता स्वरूप एवं पटकथा लेखन” फेलोशिप (वर्ष–2005)।

लेखन: कहानी, उपन्यास, नाटक एवं कविता विधाओं में वर्ष 1991 से सतत लेखन।

प्रकाशन: राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में एक हजार से अधिक रचनाएं प्रकाशित।

अनुवाद: अंग्रेजी, मराठी एवं बंग्ला भाषा में अनेक रचनाओं का अनुवाद।

मीडिया लेखन: दूरदर्शन से अनेक धारावाहिक (मीना, समस्या, मात) प्रसारित, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण।

प्रकाशित पुस्तकें: गिनीपिग (वैज्ञानिक उपन्यास, वर्ष–1998), विज्ञान कथाएं (कहानी संग्रह, वर्ष–2000)

बाल उपन्यास: सात सवाल (हातिम पर केन्द्रित बाल उपन्यास, वर्ष–1996), हम होंगे कामयाब/मिशन आजादी (बाल अधिकारों पर केन्द्रित बाल उपन्यास, वर्ष–2000/2003), समय के पार (पर्यावरण पर केन्द्रित वैज्ञानिक बाल उपन्यास 8 अन्य विज्ञान कथाओं के साथ प्रकाशित, वर्ष–2000)

बाल कहानी संग्रह: मैं स्कूल जाऊंगी (मनोवैज्ञानिक बालकथा संग्रह, वर्ष–1996), सपनों का गांव (पर्यावरण परक बालकथा संग्रह , वर्ष–1999), चमत्कार (बाल विज्ञान कथा संग्रह, वर्ष–1999), हाजिर जवाब (बाल हास्य कथा संग्रह, वर्ष–2000), कुर्बानी का कर्ज (साहसिक कथा संग्रह वर्ष–2000), ऐतिहासिक गाथाएं (ऐतिहासिक कथा संग्रह, वर्ष–2000), सराय का भूत (लोक कथा, वर्ष–2000), अग्गन-भग्गन (लोक कथा, वर्ष–2000), सोने की घाटी (रोमांचक कथा संग्रह, वर्ष–2000), सुनहरा पंख (उक्रेन की लोक कथाएं, वर्ष–2000), सितारों की भाषा (अरब की लोक कथाएं, वर्ष–2005), विज्ञान की कथाएं (बाल विज्ञान कथा संग्रह, वर्ष–2006), ऐतिहासिक कथाएं (ऐतिहासिक कथा संग्रह, वर्ष–2006), Best of Hi-tech Tales (विज्ञान कथा संग्रह, वर्ष–2006), Best of Historical Tales (ऐतिहासिक कथा संग्रह, वर्ष–2006), इसके अतिरिक्त ऐतिहासिक श्रंख्ला के अन्तर्गत विविध विषयों पर बीस अन्य पुस्तकें प्रकाशित (वर्ष–2000)

नवसाक्षर साहित्य: भय का भूत (अंधविश्वास पर केन्द्रित, वर्ष–2000), मेरी अच्छी बहू (पारिवारिक सामंजस्य पर केन्द्रित, वर्ष–2000), थोडी सी मुस्कान (परिवार नियोजन पर केन्द्रित, वर्ष–2000), संयम का फल (एड्स पर केन्द्रित, वर्ष–2000)

सम्पादित पुस्तकें: इक्कीसवीं सदी की बाल कहानियां (दो खण्डों में 107 कहानियां, वर्ष–1998), एक सौ इक्यावन बाल कविताएं (वर्ष–2003), तीस बाल नाटक (वर्ष–2003), प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं (वर्ष–2003), ग्यारह बाल उपन्यास (वर्ष–2006)

पुरस्कार / सम्मान: भारतेन्दु पुरस्कार (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, वर्ष–1997), विज्ञान कथा भूषण सम्मान (विज्ञान कथा लेखक समिति, फैजाबाद, उ0प्र0, वर्ष–1997), सर्जना पुरस्कार (उ0प्र0 हिन्दी संस्थान, लखनऊ, वर्ष–1999, 2000, 2000), सहस्राब्दि हिन्दी सेवी सम्मान (यूनेस्को एवं केन्द्रीय हिन्दी सचिवालय, दिल्ली, वर्ष–2000), श्रीमती रतन शर्मा स्मृति बालसाहित्य पुरस्कार (रतन शर्मा स्मृति न्यास, दिल्ली, वर्ष–2001), डा0 सी0वी0 रमन तकनीकी लेखन पुरस्कार (आईसेक्ट, भोपाल, वर्ष–2006) सहित डेढ़ दर्जन संस्थाओं से सम्मानित एवं पुरस्कृत। ‘डिक्शनरी ऑफ इंटेलेक्चुअल’, कैम्ब्रिज, इंग्लैण्ड सहित अनेक संदर्भ ग्रन्थ में ससम्मान उदधृत। ‘बाल साहित्य समीक्षा’ (मासिक, कानपुर, उ0प्र0) का मई 2007 अंक विशेषांक के रूप में प्रकाशित।

अन्य विवरण: भारतीय विज्ञान लेखक संघ (इस्वा, दिल्ली) भारतीय विज्ञान कथा लेखक समिति (फैजाबाद, उ0प्र0) आदि के विज्ञान लेखन प्रशिक्षण शिविरों में सक्रिय योगदान। ‘तस्लीम’ (टीम फॉर साइंटिफिक अवेयरनेस ऑन लोकल इश्यूज़ इन इंडियन मॉसेस) के सचिव के रूप में वैज्ञानिक चेतना का प्रचार/प्रसार। ‘बच्चों के चरित्र निर्माण में बाल कथाओं का योगदान’ लघु शोध कार्य। अनेक पत्रिकाओं के विशेषांकों का सम्पादन। वर्तमान में राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद, उ0प्र0 में कार्यरत।

सम्पर्क सूत्र:
निवास: नौशाद मंजिल, तेलीबाग बाजार, रायबरेली रोड, लखनऊ-226005 (उ0प्र0) भारत।

पत्राचार: (साधारण डाक) पोस्ट बॉक्स नं0- 4, दिलकुशा, लखनऊ-226002 (उ0प्र0) भारत।

मोबाईल: 09935923334

E-mail: zakirlko@gmail.com


बाल-उद्यान पर इनका वार - ........