प्रकाशित कवितायें
इनका जन्म उत्तरांखण्ड की राजधानी देहरादून में १४ मार्च सन् १९५८ में हुआ। हिन्दी साहित्य में प्रारम्भ से ही रुचि रही। विद्यार्थी काल में ही शरद, प्रेमचन्द, गुरूदत्त, भगवती शरण, शिवानी आदि को पढ़ा। लेखन में भी बहुत रुचि प्रारम्भ से ही रही। हमेशा अपने जीवन के अनुभवों को डायरी में लिखा। कभी आक्रोश, कभी आह्लाद, कभी निराशा लेखन में अभिव्यक्त होती रही किन्तु जो भी लिखा स्वान्तः सुखाय ही लिखा। लेखन के अतिरिक्त भाषण, नाटक और संगीत में इनकी विशेष रुचि है। इन्होंने गढ़वाल विश्व विद्यालय से हिन्दी विषय में स्नातकोत्तर परीक्षा पास की है। हिन्द-युग्म की 'यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता' के अगस्त अंक की यूनिपाठिका रह चुकी हैं। वर्तमान में फरीदाबाद शहर के 'मार्डन स्कूल' में हिन्दी की विभागाध्यक्ष हैं। हिन्दी के प्रति सबका प्रेम बढ़े और हिन्दी भाषा बोलने और सीखने में सब गर्व का अनुभव करें, यही इनका प्रयास है।- आधुनिक नारी
- त्योहारों का मौसम
- हम और तुम
- कवि तुम पागल हो?
- बीत रहा है------
- स्वागत है
- लोकतंत्र
- फिर उठी है टीस कोई
- प्रेम उत्सव पर......
- आह्लाद के पंख
- खूब पहचानती हूँ मैं
- साध
- हम साथ साथ चले
- बैसाखी
- कौन हो तुम...
- माँ तुम...
- अनेकता में एकता
- एक पिता
- अमर प्रेम……
- मन......
- स्वाधीनता दिवस
- मुझे अपना विश्वास तो दो……
- आम आदमी
- कलम आज उनकी जय बोल.!
- एक गीत एक पीड़ा
- २३ जनवरी का दिन
- फिर नयन उन्माद छाया
- फिर आया फागुन
ईमेल- ritbansal@gmail.com