प्रकाशित कवितायें
- पहली मजबूरी...
- शब्द शब्द मुझे प्यार करे.....
- विरह वेदना........
- एक उम्मीद
- किस भ्रम में.....
- फर्द-ए-जुर्म......
- मेरी खताएं....
- मैंने तो अपने हक की दुआएं तुझी को दीं ......

इस कारण भी शिक्षा पूरी नहीं हो पायी। लगभग पिछले ८ वर्षो से हिन्दी कविताये लिख रहे हैं। अब तक लगभग ४०० ग़ज़लें और २४० कविताएँ लिख चुके हैं। मुख्य व्यवसाय स्वान प्रशिक्षण है। साइबर कैफे के संचालक हैं और कम्प्यूटर शिक्षक भी हैं। इनके अनुसार इनका शाब्दिक ज्ञान कम है किन्तु इनका व्यवहारिक ज्ञान इन्हें कभी शर्मिन्दा नहीं होने देता।
हिन्द-युग्म पर इनका वार- गुरुवार