इनका वार- रविवार
योगदान -
कुछ हाइकु ॰॰॰
दो क्षणिकाएँ ...
सिर्फ तुम्हारे लिए
ख्वाबों की रानी
॥शत् शत् नमन॥
छुआछुत ॰॰॰
ऐ दोस्त तेरी यादों को कैसे सजदा करें
क्यूं छोड़ तन्हा चले जाते हैं?
"सुमन" का महकना क्या जानो
भूला पाना उसे यूँ आसां तो नहीं॰॰॰
खुद से लड़ना नहीं आता
अँधियारे मेँ तुम कहीँ गुम हो जाओगे...
क्यूँ वक्त बरबाद करती है...
सोचो उसने क्या पाया, क्या खोया है
आज सोचा हमने
कोशिश करके तो देख
नैतिकता का पतन
भविष्य की सोच...
अनुपमा…….तुम अनुपम हो!
सपना...
अप्रेल-फूल
माँ, क्या तुम्हारा कर्तव्य नहीं?
अपराधबोध!!!
माँ, मुझे भी पंख लगा दो
वो सिर्फ “माँ” है
सैक्रेटरी
तू मानव है, मानव जैसी बात कर
पापा! आप समझ रहें है ना?
पूर्णता
कैसे थाम लूँ हाथ तुम्हारा?
कील
हर बात पर ताली बजाना बेवकूफी है
नियम
नफ़रत
गधा (?) गाड़ी
कुछ हाइकु ॰॰॰
दो क्षणिकाएँ ...
सिर्फ तुम्हारे लिए
ख्वाबों की रानी
॥शत् शत् नमन॥
छुआछुत ॰॰॰
ऐ दोस्त तेरी यादों को कैसे सजदा करें
क्यूं छोड़ तन्हा चले जाते हैं?
"सुमन" का महकना क्या जानो
भूला पाना उसे यूँ आसां तो नहीं॰॰॰
खुद से लड़ना नहीं आता
अँधियारे मेँ तुम कहीँ गुम हो जाओगे...
क्यूँ वक्त बरबाद करती है...
सोचो उसने क्या पाया, क्या खोया है
आज सोचा हमने
कोशिश करके तो देख
नैतिकता का पतन
भविष्य की सोच...
अनुपमा…….तुम अनुपम हो!
सपना...
अप्रेल-फूल
माँ, क्या तुम्हारा कर्तव्य नहीं?
अपराधबोध!!!
माँ, मुझे भी पंख लगा दो
वो सिर्फ “माँ” है
सैक्रेटरी
तू मानव है, मानव जैसी बात कर
पापा! आप समझ रहें है ना?
पूर्णता
कैसे थाम लूँ हाथ तुम्हारा?
कील
हर बात पर ताली बजाना बेवकूफी है
नियम
नफ़रत
गधा (?) गाड़ी