रचनाएँ-
मुख्य रूप से कवि पंकज तिवारी हिन्दी कविता/गजल लिखते हैं जिसका कोई प्रमाणित संकलन उपलब्ध नहीं है। (५० से अधिक कविताएँ)
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ई-मेल- erpankajtiwari at gmail dot com
इनका वार- बुधवार
योगदान --
क्या लिखोगे
मेरा यार
ज़ुदाई का मज़ा होता है
तुमने कहा कि मुझे भूल जाओ
चंद शेर
गया और नया साल
ग़मज़दा क्यूँ है
ख्वाबों में कई बार
तुम्हारी मर्ज़ी
आज फूल उदास है
ख़याल रखना भूल जाते हैं
गोरी
क़त्ल मुझको करें
तुझे चलना है तू चलता चल
ऐ तथाकथित सर्वशक्तिमान
इंकलाब हो जाये
जी चाहता है
इश्क की हमसे बात न करना
आप ने हाथ.....
मेरी बीबी कैसी हो
दोषी दिल बेरहम है
आप क्या कीजिए?
हैं कुछ खाते पुराने भी
एक शरारत बचपन में
उन्हें पता तो चले
हर रस्म
जहाँ भी डाल दूँ डेरा
तुम्हारी यादें
ऐ मेरे हुज़ूर
मैं शर्त लगा सकता हूँ
नहीं तो जान चली जाती है
मैं तुझको क्या यार कहूँ
मेरे तिरंगे प्यारे
फूलों की अहमियत
'आवारागर्द' है
क्यों मैं तुमसे प्यार करता हूँ
क्या लिखोगे
मेरा यार
ज़ुदाई का मज़ा होता है
तुमने कहा कि मुझे भूल जाओ
चंद शेर
गया और नया साल
ग़मज़दा क्यूँ है
ख्वाबों में कई बार
तुम्हारी मर्ज़ी
आज फूल उदास है
ख़याल रखना भूल जाते हैं
गोरी
क़त्ल मुझको करें
तुझे चलना है तू चलता चल
ऐ तथाकथित सर्वशक्तिमान
इंकलाब हो जाये
जी चाहता है
इश्क की हमसे बात न करना
आप ने हाथ.....
मेरी बीबी कैसी हो
दोषी दिल बेरहम है
आप क्या कीजिए?
हैं कुछ खाते पुराने भी
एक शरारत बचपन में
उन्हें पता तो चले
हर रस्म
जहाँ भी डाल दूँ डेरा
तुम्हारी यादें
ऐ मेरे हुज़ूर
मैं शर्त लगा सकता हूँ
नहीं तो जान चली जाती है
मैं तुझको क्या यार कहूँ
मेरे तिरंगे प्यारे
फूलों की अहमियत
'आवारागर्द' है
क्यों मैं तुमसे प्यार करता हूँ