प्रकाशित कविताएँ/ग़ज़लें
- मैं जब भी हक ओ हकूक की बात करता हूं
- देह तो मात्र जवान गठीली, उत्तेजक माशपेशियाँ तथा गोलाईयाँ हैं
- गीत, ग़ज़ल या गाली लिख
- क्या होगा कोई मनुष्य?
- जो भी दिल्ली आता है, हो जाता चांडाल है
- माँ का दु:खी होना वाजिब है
- गद्दी की पसंद- कूल्हें नरम और जेब गर्म
- गम दिये दी खुशी शुक्रिया जिन्दगी
- एक दिन का ख्वाब
- अंग सभी पुखराज तुम्हारे
- हवा में टंगे लोग
- राह मिल्यो वो छैल छबीलो
- इतने नाजुक सवाल मत पूछो
- एक्ल्व्य का अंगूठा-गुरु ने नहीं कटवाया?
- ये भी क्या जिन्दगी हुई साहिब
- दिल पे मगर हिन्दी-हिन्दुस्तान लिखना
- यारो मैने खूब ठगा है
- इस धड़कन में तो बहुत से नाम थे
- दिल कितना घायल होगा
- जख्म मेरे खुले खिड़कियों की तरह
- आधा-दिल
- आधी मुलाकात?
- दर्द दिल में है पर मुस्करा
- तेरी आँच में, हर खुशी, हर गम, खाक हुआ
- दर्द को दिल से लब पे आना था
- वो है मेरा राँझना, मैं हूँ उसकी हीर (दोहे)
- क्या फर्क पड़ता है?
- तेरा सलोना बदन
- कोई मेरे जख्म सी दे
- मुझे छोड़कर तुम कहां जा रहे हो
- करेगा तामीर प्यार का तू मकान कब तक?
- है बदलना,वक्त जिनको
- शाखों में जा दुबकी कलियां
- देखो पुराने ये क्लैंडर
- बांका दिलबर था, क्या करता
- मीठी यादें खारी मत कर
- मन की लागी आग तो ,वो ही सके बुझाय
- चाँद आँगन में मेरे उस रोज मुस्काता तो है
- इंसान ही देख सकता है सपने
- भीड़ में अकेलापन
- दिल में ग़म की किताब रखता है
- मेरे मरने पे कब्रिस्तान बोला
- हक ले के है रहना
- सीखना
- तो पत्थर जनाब हम भी हैं
- उसकी किस्मत किसने लिक्खी?
- औरत के बहुआयामी जीवन एवम् व्यक्तित्व पर केन्द्रित 38 शे'रों की एक ग़ज़ल
- अकेले में ही हमसे जिन्दगी
- मां क्यों भूल जाती है?
- खोलकर दिल दिये गम तूने
- चुप रहूँगा तो अनकही होगी
- मौत न जाने कैसी होगी?
- चाँद सितारे एक तरफ़ आप हमारे एक तरफ़
- घूस मिली हर कुरसी पर
जन्म- 28 अगस्त 1948 रोहतक
जननी- श्रीमति जयन्ती देवी
पिता- श्री आर॰आर॰शास्त्री
जन्म सहायिका- नान्ही दाई [पाकिस्तान चलीं गयी बंटवारे में]
सम्प्रति- अनिवार्य -चिकित्सा
ऐच्छिक-पठन-लेखन,छायांकन,घुमक्क्ड़ी
शिक्षा- डिग्रियां, एम.बी;बी,एस, एफ़.सी.जी.पी,एल.एल.बी[प्रथम]
जीवन की पाठशाला में अनेक पीड़ाओं से आनन्द ढूँढ़ने की कला पूज्य पिताजी व एक स्नेहिल मित्र डाक्टर एन के वर्मा [सर्जन] अब इहलोक में नही दोनों
पुरस्कार: दोस्तो की गालियां, रिश्तेदारों की जलन व डाह
मूल निवास- रूह कुछ टूटे दिलों में, पार्थिव शरीर-आधा दिन गोहाना अस्पताल में, रात-रोहतक
शेष वक़्त-सफर में गोहाना से रोहतक व बैक
लेखन- भाषा -हिन्दी,पंजाबी,अंग्रेजी,पंजाबी व उर्दू [देवनागरी लिपि में]
प्रकाशित पुस्तकें- ३ उपन्यास,३ कहानी सं,४ कविता सं.१ गज़ल सं,१ लघुकथा सं,एक दोहा सतसई,१ लोक कथा सं.
प्रकाशन प्रतीक्षा में- कई विधाओं की १६ पुस्तकें
लेखन सम्मान-
1 पं.लखमी चंद पुरस्कार [ हरियाणा साहित्य अकादमी का लोक-साहित्य व लोक संस्कृति पर सर्वोच्च पुर.राशि १ लाख रु]
2 अब तक हिन्दी पंजाबी हरयाण्वी की ६ पुस्तकें व ५ कहानियां हिन्दी व पंजाबी अकादमी द्वारा पुर.]
3 पद्मश्री मुकुटधर पांडेय [ छ्त्तीस गढ़ सरिजन सम्मान २००७
4 अम्बिका प्रसाद दिव्य रजत अलंकरण कथा सं अकथ हेतु २००७]
5 कथा-बिम्ब कथा पुर.मुम्बई, राष्ट्र धर्म कथा पु २००५ लखनऊ
6 सम्पाद्क शिरोमणि पु श्रीनाथ द्वारा साहित्य मंडल राजस्थान
7 रोटरी इन्टरनेशनल व अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित
चिकित्सा क्षेत्र- चिकित्सा रत्न सम्मान-इन्डियन मेडिकल एशोसिएसन हरियाणा का सर्वोच्च सम्मान
विशेष
1. श्री श्रीलाल शुक्ल, डा.रामदरश मिश्र,डा नरेन्द्र कोहली व श्रीमति चित्रा मुदगल के कहानी सं,
कविता सं पर पत्रों के अलावा लगभग ५०० पाठको के पत्र
2. एक उपन्यास कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व महर्षि दयानन्द वि, के एम,ए फाइनल पाठ्यक्रम में
एक कहानी भी
3. फोटो ग्राफी में कार्य के अतिरिक्त श्री अशोक बहल [फोटो ग्राफर आफ डैडी, चाहत,महेश भट्ट की
फिल्मों व अन्य अनेक फिल्मों ,इम्तिहान व सैलाब सीरियल] के प्रथम फोटो शिक्षक होने का
श्रेय
4. साहित्य पर अब तक पी. एच. डी. हेतु एक शोध व एम. फिल. हेतु ३ लघु शोध सम्पन्न
संप्रति- निदेशक,हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकुला
पता- जब सोने को जमीं है
ओढ़ने को आसमां है
दोस्तो फिर क्यों पूछते हो
मेरा घर कहां है
सम्पर्क- shyam.skha@gmail.com घुमन्तू भाष-09416359019
ब्लॉग- http//:gazalkbahane.blogspot.com/ और http//:katha-kavita.blogspot.com/
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