अपनी पहली कविता इन्होंने विद्यालय की पत्रिका "प्रगति" के लिये कक्षा दसवीं में लिखी। इनके अनुसार काव्य प्रतिभा इन्हें अपनी माँ से विरासत मे मिली है। आपने कक्षा बारहवी के पश्चात इन्दौर की आई.पी.एस. एकेडेमी में रसायन अभियांत्रिकी मे प्रवेश लिया और अभी तृतीय वर्ष के छात्र हैं। कालेज के समारोहों मे अधिकांशत: सूत्रधार की भूमिका निभाने के कारण सिर्फ मंचीय कविताओं सीमित रह गये थे पर अब एक नयी दिशा मिली है|
सम्पर्क:-
225, शिवम अपार्टमेंट
धनवंतरी नगर, इंदौर।
दूरभाष :- 9926363028
ई-मेल :- vipul283@gmail.com
इनका वार - शनिवार
योगदानः-
"मेरी मधुशाला "
माँ
ठूँठ की वेदना
एक कल्पना
श्रीराम और केवट
करना पड़ता है !
स्वर्ग में समस्याये
सावन
बुधिया मरने वाली है !
त्रिवेणियों में मेरा प्रथम प्रयास,महज़ क्षणिकाये या कुछ ख़ास?
एक और बुधिया
छोटी सी बुधिया
बुधिया और भी हैं..
मैं मधुशाला हूँ
छत और मैं
मुर्गी भी माँ है !
बुधिया-भाग 6
तुम्हारा क्या दोष!
कोई मिल गया है..
आठ क्षणिकायें
चाँद-भाग १
क्षणिकायें
बुधिया भाग ७
चाँद-भाग २
अब समझा हूँ तुम्हें..
होली की शुभकामनायें
भारत महान है..
ग़ज़ल
बुधिया-भाग ८
चाँद ३
बुधिया ९
एक उदास कविता
पिता दिवस पर पितरों के नाम एक कविता
हिन्दी
क्षणिकाएँ
आख़िर क्यों होते हैं ये धमाके!
कमाल है !
लडकियां
नीला आसमान
दर्द