आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'

दोहा की कक्षाएँ

  1. पाठ 1 : दोहा गाथा सनातन

  2. दोहा गाथा सनातन (दोहा-गोष्ठी: 1)

  3. पाठ 2. ललित छंद दोहा अमर

  4. दोहा गोष्ठी 2 : मैं दोहा हूँ

  5. दोहा गाथा सनातन: 3 - दोहा छंद अनूप

  6. दोहा गोष्ठी 3 : दोहा सबका मीत है

  7. दोहा गोष्ठी: 4 आया दोहा याद

  8. दोहा गाथा सनातन-पाठ 4- शब्द ब्रह्म उच्चार

  9. दोहा गोष्ठी: 5 - शब्द-शब्द दोहा हुआ

  10. दोहा गाथा सनातन- पाठ 5 - दोहा भास्कर काव्य नभ

  11. दोहा गाथा सनातन- दोहा गोष्ठी: 6 दोहा दीप जलाइए

  12. दोहा गाथा सनातन: पाठ 6 - दोहा दिल में झांकता

  13. दोहा गाथा सनातन पाठ 7 दोहा शिव-आराधना

  14. दोहा गाथा सनातन - गोष्ठी: 7 दोहा दिल में ले बसा

  15. दोहा गाथा सनातनः 8- दोहा साक्षी समय का

  16. दोहा गाथा सनातन गोष्ठी 8 दोहा है रस-खान

  17. दोहा गाथा सनातन: 9 दोहा लें दिल में बसा

  18. दोहा गोष्ठी 9 -दोहा की सीमा नहीं

  19. दोहा गाथा सनातन: पाठ 10-मृदुल मधुर दोहा सरस

  20. दोहा गाथा सनातन: गोष्ठी 10 दोहा पर दोहा अमित

  21. दोहा गाथा सनातन: दोहा कक्षा: 11 दोहा का कुनबा बड़ा

  22. दोहा गोष्ठी- 11 -जो मनु वह दोहा लिखे

  23. दोहा गाथा सनातन: पाठ 12 दोहा उल्टे सोरठा

  24. गोष्ठी 12 - दोहा दे शुभकामना

  25. दोहा गाथा सनातन: पाठ 13 बहुरूपी दोहा अमर

  26. दोहा गाथा सनातन: गोष्ठी 13- दोहा सागर है अगम

  27. दोहा गाथा सनातन: पाठ 14 - दोहा की छवियाँ अमित

  28. गोष्ठी 14 - दोहा के संग-साथ

  29. दोहा गाथा सनातन: 15- रम जा दोहे में तनिक

  30. दोहा गोष्ठी 15- दोहानंद अमूल्य

  31. दोहा गाथा सनातन: 16 दोहा जन गण मन बसा

  32. दोहा गोष्ठी 16 दोहा है सबका सगा

  33. दोहा गाथा सनातन: कक्षा 17 दोहा है रस-कोष

  34. दोहा गाथा सनातन: 18- शब्द-सूर्य अज्ञान तम

  35. दोहा गाथा सनातन: 19 दोहा छंद-दिनेश

  36. दोहा गाथा सनातन: 20- दोहा पावन पयोधर

  37. दोहा गाथा सनातन- 21 - दोहा में कस-बल बहुत

  38. दोहा गाथा सनातन- 22- दोहा रचना मान है

  39. दोहा गाथा सनातन: 23 - त्रिकल दोहा

  40. दोहा गाथा सनातन: 25 रचें मच्छ दोहा मधुर

  41. दोहा गाथा सनातन: 26 शार्दूल दोहा लिखें, आएगा आनंद

  42. दोहा गाथा सनातन: 27 ठुमक-ठुमक अहिवर चले

  43. दोहा गाथा सनातन: 28 व्याल भाल कवि का रखे, ऊंचा

  44. दोहा गाथा सनातन: 29 विडाल दोहा

  45. दोहा गाथा सनातन: 30 दोहा नामित 'श्वान'

  46. दोहा गाथा सनातन: 31 छयालिस लघु गुरु एक ले, दोहा उदर सुनाम

  47. दोहा गाथा सनातन: 32 गुरुविहीन जो सर्प वह, कठिन निभाना प्रीत

  48. दोहा गाथा सनातन: 33 वर्जित है चंडालिनी

  49. दोहा गाथा सनातन: 34 दोही दोहे की बहिन

  50. दोहा गाथा सनातन: 35

  51. दोहा गाथा सनातन: 36 नंदा दोहा को मिला, बरवै 'सलिल' सुनाम

  52. दोहा गाथा सनातन:37 सरसी में है सरसता

  53. दोहा गाथा सनातन:38 अमृत ध्वनि मन मोहती



आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। आपने नागरिक अभियंत्रण में त्रिवर्षीय डिप्लोमा, बी.ई., एम.आई.ई., अर्थशास्त्र तथा दर्शनशास्त्र में एम. ए., एल-एल. बी., विशारद, पत्रकारिता में डिप्लोमा, कंप्युटर ऍप्लिकेशन में डिप्लोमा किया है।

साहित्य सेवा आपको अपनी बुआ महीयसी महादेवी वर्मा तथा माँ स्व. शांति देवी से विरासत में मिली है। आपकी प्रथम प्रकाशित कृति 'कलम के देव' भक्ति गीत संग्रह है। 'लोकतंत्र का मकबरा' तथा 'मीत मेरे' आपकी छंद मुक्त कविताओं के संग्रह हैं। आपकी चौथी प्रकाशित कृति है 'भूकंप के साथ जीना सीखें'। आपने निर्माण के नूपुर, नींव के पत्थर, राम नाम सुखदाई, तिनका-तिनका नीड़, सौरभ:, यदा-कदा, द्वार खड़े इतिहास के, काव्य मन्दाकिनी 2008 आदि पुस्तकों के साथ साथ अनेक पत्रिकाओं व स्मारिकाओं का भी संपादन किया है। आपने हिंदी साहित्य की विविध विधाओं में सृजन के साथ-साथ कई संस्कृत श्लोकों का हिंदी काव्यानुवाद किया है। आपकी प्रतिनिधि कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद 'Contemporary Hindi Poetry" नामक ग्रन्थ में संकलित है। आपके द्वारा संपादित समालोचनात्मक कृति 'समयजयी साहित्यशिल्पी भागवत प्रसाद मिश्र 'नियाज़' बहुचर्चित है।

आपको देश-विदेश में 12 राज्यों की 50 सस्थाओं ने 75 सम्मानों से सम्मानित किया जिनमें प्रमुख हैं- आचार्य, वाग्विदाम्बर, 20वीं शताब्दी रत्न, कायस्थ रत्न, सरस्वती रत्न, संपादक रत्न, विज्ञान रत्न, कायस्थ कीर्तिध्वज, कायस्थ कुलभूषण, शारदा सुत, श्रेष्ठ गीतकार, भाषा भूषण, चित्रांश गौरव, साहित्य गौरव, साहित्य वारिधि, साहित्य शिरोमणि, साहित्य वारिधि, साहित्य दीप, साहित्य भारती, साहित्य श्री (3), काव्य श्री, मानसरोवर, साहित्य सम्मान, पाथेय सम्मान, वृक्ष मित्र सम्मान, हरी ठाकुर स्मृति सम्मान, बैरिस्टर छेदीलाल सम्मान, शायर वाकिफ सम्मान, रोहित कुमार सम्मान, वर्ष का व्यक्तित्व(4), शताब्दी का व्यक्तित्व आदि।

वर्तमान में आप अनुविभागीय अधिकारी मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग के रूप में जबलपुर में कार्यरत हैं। आपने अंतर्जाल पर हिंदी के विकास में महती भूमिका का निर्वहन किया है। हिंद-युग्म पर दोहा गाथा सनातन, साहित्य शिल्पी पर काव्य का रचना शास्त्र (अलंकार परिचय) तथा दिव्य नर्मदा एवं अन्य चिट्ठों के माध्यम से आप सतत सक्रिय हैं। हिन्द-युग्म के मार्च 2009 की यूनिकवि एवं यूनिपाठक प्रतियोगिता के यूनिपाठक रह चुके हैं।

संपर्क:-
salil.sanjiv@gmail.com, divyanarmada@gmail.com
09425183244