कवयित्री रंजना भाटिया का जन्म हरियाणा के रोहतक ज़िले के कलनौर गाँव में १४ अप्रैल,१९६६ को हुआ। आरम्भिक शिक्षा दिल्ली में और कॉलेज जम्मू से किया। इन्होंने बी॰एड॰ तक की शिक्षा ली है। बचपन से ही लिखने में रुचि थी। कई लेख और कविता शुरू में दैनिक जागरण, अमर उजाला और भाटिया प्रकाश [मासिक पत्रिका] आदि में छपे, फिर घर में व्यस्त होने के कारण लिखना सिर्फ़ डायरी तक सीमित रह गया। सैकड़ों कविता लिखी हुई हैं। १२ साल तक स्कूल में अध्यपिका रहीं। पत्रकारिता में ली गई डिप्लोमा की डिग्री बहुत काम आई। लगभग दो वर्षों तक मधुबन पब्लिशर के साथ जुड़ी रहीं जहाँ इन्हें उपन्यास सम्राट प्रेमचंद के उपन्यासों की प्रूफ़-रीडिंग और एडीटिंग का अनुभव प्राप्त हुआ। फ़िलहाल घर में हैं और बच्चों को पढ़ाती हैं। अब कुछ समय से नेट में कई फ़ोरम में लिखती हैं। कविता और हिंदी-साहित्य में विशेष रुचि है। बच्चन ,अमृता प्रीतम और दुष्यंत जी को पढ़ना बहुत पसंद है।हिन्द-युग्म पर इनका वार- वृहस्पतिवार
योगदान -
अपने-अपने प्यार की परिभाषा
आज फिर................
मेरे ख़त
तलाश***
तेरे छूने से
नयनों की बात
परछाइयाँ
क्या फ़िर से
जाने कैसे?
एक मासूम प्यार की आशा
आस का दीप
आईना
कुछ कहा अनकहा सा
प्यार मेरा उधार रहा!!
मिलती कोई राह
आज़माइश
यह जीवन यूँ ही चलेगा
तुम तो हो उस पार साजन
कुछ यूँ ही-१
कुछ यूँ ही-२
एक नयी शुरूआत
आज का सच
तोहफ़ा
दिल की पुकार (एक नज़्म)
प्रतिदान
इंतज़ार
सुहानी सुबह हो रही है
ख्याल
कुछ यूँ ही भाग-३
कुछ लफ़्ज
अंतहीन सफर
तुम भी आ जाना
नया अंदाज़ तलाशिये!!
कुछ शब्द ..[छोटी कवितायें ]
बातें
मंजिल
भ्रम
प्यार की परिभाषा
भुलावा
संगिनी
पथिक अकेला हुआ अब मनवा
अजब दस्तूर
कायनात के पार
मोनालीसा और मैं...
रंग में बिखरे हुए लफ्ज
तब तेरे प्यार को मैं सच मानूँ.....
अपने-अपने प्यार की परिभाषा
आज फिर................
मेरे ख़त
तलाश***
तेरे छूने से
नयनों की बात
परछाइयाँ
क्या फ़िर से
जाने कैसे?
एक मासूम प्यार की आशा
आस का दीप
आईना
कुछ कहा अनकहा सा
प्यार मेरा उधार रहा!!
मिलती कोई राह
आज़माइश
यह जीवन यूँ ही चलेगा
तुम तो हो उस पार साजन
कुछ यूँ ही-१
कुछ यूँ ही-२
एक नयी शुरूआत
आज का सच
तोहफ़ा
दिल की पुकार (एक नज़्म)
प्रतिदान
इंतज़ार
सुहानी सुबह हो रही है
ख्याल
कुछ यूँ ही भाग-३
कुछ लफ़्ज
अंतहीन सफर
तुम भी आ जाना
नया अंदाज़ तलाशिये!!
कुछ शब्द ..[छोटी कवितायें ]
बातें
मंजिल
भ्रम
प्यार की परिभाषा
भुलावा
संगिनी
पथिक अकेला हुआ अब मनवा
अजब दस्तूर
कायनात के पार
मोनालीसा और मैं...
रंग में बिखरे हुए लफ्ज
तब तेरे प्यार को मैं सच मानूँ.....
कहानी-कलश पर इनकी तिथि- २३वीं
योगदान -
भला सिपहिया डोगरिया
एक बारिश की शाम
तरक्की की कीमत
उम्र का एक पड़ाव
एक और मुखौटा
मीठी नींद
मम्मी के सपने ..
भला सिपहिया डोगरिया
एक बारिश की शाम
तरक्की की कीमत
उम्र का एक पड़ाव
एक और मुखौटा
मीठी नींद
मम्मी के सपने ..
बाल-उद्यान पर इनका वार - मंगलवार
योगदान -
हरे-भरे पेड़ों ने पहना
फूल मुस्कुराने लगे
मेरे नन्हे दिल की यह अभिलाषा
दीदी की पाती-प्रवेशांक
दीदी की पाती-२
दीदी की पाती-३
दीदी की पाती-४
रंग रंगीले हैं मेरे देश के, हैं रंगीले त्यौहार
पहेलियाँ
दीदी की पाती-५
मेरा भारत है महान
दीदी की पाती-६
अख़बार
दीदी की पाती- भाग-७
बूझो तो जानें
क्रिसमस केक [दीदी की पाती भाग ८]
दीदी की पाती ...कुछ रोचक बातें
क्या आप जानते हैं .................
दीदी की पाती .[संसार की अनोखी नदियाँ ]
बूझो तो जाने ,दो इन सवालों के जवाब तो माने ::)
चाकलेट है मेरा नाम [दीदी की पाती ]
रोचक है यह जानकारी ..
अप्पू जल्दी लौट कर आना
रंग बिरंगी दुनिया दीदी की पाती
फूलों का उत्सव
दीदी की पाती ...
हरे-भरे पेड़ों ने पहना
फूल मुस्कुराने लगे
मेरे नन्हे दिल की यह अभिलाषा
दीदी की पाती-प्रवेशांक
दीदी की पाती-२
दीदी की पाती-३
दीदी की पाती-४
रंग रंगीले हैं मेरे देश के, हैं रंगीले त्यौहार
पहेलियाँ
दीदी की पाती-५
मेरा भारत है महान
दीदी की पाती-६
अख़बार
दीदी की पाती- भाग-७
बूझो तो जानें
क्रिसमस केक [दीदी की पाती भाग ८]
दीदी की पाती ...कुछ रोचक बातें
क्या आप जानते हैं .................
दीदी की पाती .[संसार की अनोखी नदियाँ ]
बूझो तो जाने ,दो इन सवालों के जवाब तो माने ::)
चाकलेट है मेरा नाम [दीदी की पाती ]
रोचक है यह जानकारी ..
अप्पू जल्दी लौट कर आना
रंग बिरंगी दुनिया दीदी की पाती
फूलों का उत्सव
दीदी की पाती ...
