राजीव जी का जन्म ग्राम लोनारा ज़िला खरगोन (मध्य प्रदेश) में हुआ। पिताजी शिक्षक थे तो शिक्षक पुत्र होने के नाते पारिवारिक वा सांस्कृतिक मूल्य इन्हें घुट्टी में मिले। लोनारा से विद्यालयीन शिक्षा के पश्चात कर्मभूमि इंदौर में इनका आगमन हुआ। यहाँ से ग्रेजुएशन किया तथा वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में अपना परचम फाहरते रहे। इसके बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से राजनीतिक विज्ञान में एम. ए. किया। इसी अवधि में लेखन-कार्य की शुरुआत भी हुई। वापस इंदौर आए तथा क्रिश्चियन कॉलेज से हिंदी में एम. ए. करते हुए छात्र-संघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। अब अंदर का कवि बाहर आने लगा था, कलम अपने उत्कर्ष पर थी और मधुर आवाज़ तथा वक्त्रत्व कला के धनी राजीव जी लखनऊ दूरदर्शन के लिए कार्य करने लगे। आकाशवाणी के युववाणी कार्यक्रम के लिए पाँच सालों तक उद्घोषक की भूमिका भी निभाई तथा दैनिक भास्कर और स्वतंत्र भारत जैसे अख़बारों में बतौर पत्रकार कार्य भी करते रहे। तभी इस्लामिया-करीमिया विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफ़ेसर हो गये व अभी हिंदी विभाग के प्रमुख हैं। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया भी इनके प्रभाव से अछूता नहीं रहा। ये वर्तमान में एस. आर. न्यूज़ चैनल में प्रमुख संपादक का पद संभाल रहे हैं।
प्रो. राजीव शर्मा राजकुमार ,हेमामालिनी अभिनीत हिंदी फ़ीचर फ़िल्म "नयी महाभारत" के गीतकार और कहानीकार हैं तथा दूरदर्शन के "सहज़ स्वास्थ्य योग" नामक धारावाहिक की डेढ़ सौ कड़ियों के लेखक, शोधकर्ता और गीतकार भी हैं ख़ैरागढ़ यूनिवर्सिटी से संगीत में स्नातक राजीव जी "संगम कला ग्रुप" के माध्यम से समाज सेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं तथा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की सीनेट सभा के पाँच वर्षों तक सदस्य रहे हैं। राजीव जी का एक कविता संग्रह "सीता और सलमा" तथा एक लेख संग्रह "छपे हुए शब्द" प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त यह उद्यमिता विकास तथा पर्यावरण पाठ्य पुस्तक के लेखक भी हैं।
अद्भुत काव्य-प्रतिभा के धनी राजीव जी को सुमन जी, महादेवी वर्मा जी, नरेश मेहता जी सहित सारे समकालीन साहित्यकारों ने सम्मानित व पुरस्कृत किया तथा भूतपूर्व राष्ट्रपति श्री शंकरदयाल शर्मा जी तथा ज्ञानी जैल सिंह जी भी इनकी कला से अभिभूत हुए बिना नहीं रह सके।
आज कवियों की जमात में ऐसा कोई बड़ा नाम नहीं जिसने प्रो. राजीव शर्मा के संचालन में मंच पर काव्य-पाठ न किया हो। पाँच सौ से अधिक कवि-सम्मेलनों का संचालन कर चुके राजीव जी विशुद्ध हास्य-व्यंग्यकार हैं। हँसी-हँसी ऐसी बात कह जाते हैं कि रो देना पड़ता है।
संपर्क-सूत्र-
2/4 ओल्ड पालासिया
आर. के. पुरम ,
1, सतपुड़ा अपार्टमेंट
होटल अमलतास के पीछे
इंदौर
आवाज़ पर इन्हीं की आवाज़ में इनकी व्यंग्य रचनाएँ सुनी जा सकेंगी