मनीषा साधू

आपने एम. एस. सी. , बी. एड., और हिन्दी साहित्य में बी. ए. किया है। राष्ट्रीय प्रातिनिधिक हिन्दी कविता संग्रह "शब्दसागर" में आपकी कविताओं का समावेश है। विदर्भ हिन्दी साहित्य संघ द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका में आपकी कविताओं का प्रकाशन हुआ है। चर्चासत्र और साहित्य संमेलन के अवसर पर आपको सामाजिक और साहित्यिक विषयोंपर भाष्य करने हेतु वक्ता के तौर से बुलाया जाता है। आपके एक मराठी उपन्यास और दो मराठी कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। आपका हिन्दी कविता संग्रह प्रकाशन मार्ग पर है। आपकी कविताओं को अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान, नागपुर, अभिव्यक्ती वैदर्भीय संस्था, नागपुर इन संस्थाओं में आप कार्यकारीणी सदस्य के तौर पर दायित्व निभातीं है। नागपुर के मारिस कालेज और भिडे गर्ल्स ज्युनियर कालेज में आप चार साल अध्यापिका रह चुकी हैं।

इनका वार- शनिवार


अनिल कुमार त्रिवेदी

जुलाई १९८१ में जन्मे कवि अनिल कुमार त्रिवेदी का जन्मस्थान हमीरपुर, उत्तर प्रदेश का एक क़स्बा 'राठ' रहा है। कविता से इनका सम्पर्क नैनीताल शहर के 'भारतीय शहीद सौनिक विद्यालय' से माना जा सकता है जब कवि कक्षा ८वीं के विद्यार्थी थे, और अपने विज्ञान के आचार्य श्री विवेक के कविता-वर्णन से बहुत प्रभावित थे। श्री विवेक प्रतिदिन एक कविता, प्रार्थना-काल के समय सुनाते थे। कवि ने सोचा, जब गुरुजी प्रतिदिन एक कविता सुना सकते हैं तो क्या मैं एक कविता भी नहीं लिख सकता! बस फिर क्या था, उठायी कलम, चलते-फिरते पृष्ठ पर शब्दों का कैनवास खींच डाला, मगर उसे वे सहेज ना सके। जल्द ही दूसरी कविता 'आज़ादी के पचास वर्ष' लिख डाली। पर किसी को ना दिखाया ना सुनाया, शायद वह इनके अंतर्मुखी व्यक्तित्व का परिचायक था। प्रारम्भ में कवि आज़ादी, नेता, ख़ादी, और पश्चिमी सभ्यता की आलोचनाएँ ही कविताओं में समाहित करते रहे, मगर जल्द ही इन्होंने कविता-मंडल का विस्तार किया। सन् २००२ में GLA प्रोद्यौगिकी एवम् प्रबंधन संस्थान, मथुरा में प्रवेश के बाद, वहाँ साथी मित्रों के प्रोत्साहन से कविताएँ वाचने भी लगे फिर भी कभी भी अपने आप को मंच तक ना ले सके। एक-दो बार संस्थान की मासिक पत्रिका 'GLADTimes' में प्रकाशनार्थ, कविताएँ देना चाहे परन्तु दुर्भाग्यवश सफलता हाथ नहीं लगी। कुछ दिनों पूर्व कवि शैलेश भारतवासी की दृष्टि इनके कविताओं पर पड़ी और वे उनको सजाल पर लाने को मजबूर हो गये। वर्तमान में कवि अनिल कुमार त्रिवेदी दिल्ली महानगर में रहकर भारतीय अभियांत्रिकी सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

रचनाएँ- सैकड़ों अप्रकाशित कविताएँ।


इनका वार- बुधवार


योगदान -

अवनीश गौतम

एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कला निर्देशक कवि अवनीश गौतम का मानना है कि कवि का नाम नहीं कवि का काम बड़ा होना चाहिए। इसलिए उनकी इच्छानुसार उनका परिचय पृष्ठ यहाँ से हटा लिया गया है। यदि कोई उनके बारे में विस्तार से जानना चाहता हो तो वो उन्हें avanish_gautam at yahoo dot com या avanishgautam at gmail dot com पर मेल कर सकता है।

ब्लॉग- Avanish Gautam

इनका वार- शुक्रवार